सड़क पर ही रह गए कार्यकर्ता
जयपुर।
दिल्ली रैली के लिए राज्य से गए अनेक कार्यकर्ता और नेता ट्रैफिक में ऎसे फंसे कि अपने नेताओं का भाषण सुने बगैर ही उन्हें वापस लौटना पड़ा। कुछ कार्यकर्ता तो दिल्ली पहुंचने से पहले ही बैरंग लौटने को मजबूर हो गए। रैली के लिए जयपुर और अलवर सहित प्रदेशभर से भारी संख्या में कार्यकर्ता बसों से पहुंचे थे।
कई पदाधिकारी रैली में शामिल होने के लिए शनिवार दोपहर ही दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे। वहां -होटल-गेस्ट हाउसों में ठहरे, लेकिन रैली में शामिल होने के लिए सुबह 9 से 10 के बीच निकले तो रैली स्थल से बहुत पहले जाम लगने से रास्ते में फंस गए। रैली समाप्त हो गई लेकिन वे आखिर तक नहीं पहुंच सके। ऎसे में शाम को बीच से ही लौटना पड़ा। कुछ कार्यकर्ता दिल्ली की सड़कों से तो अघिकांश बाहरी क्षेत्रों से ही वापस लौट आए।
एक लाख से ज्यादा पहुंचे-सीएम
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रैली में शामिल होकर रात को जयपुर लौट आए। उन्होंने राजस्थान से एक लाख से ज्यादा कार्यकर्ता व लोगों के पहुंचने का दावा करते हुए रैली को पूरी तरह सफल करार दिया। उनका कहना है कि बसों के अलावा रेल व खुद की गाडियों से भी लोग दिल्ली गए। उन्होंने रैली को अपने आप में एक संदेश देने वाली बताते हुए कहा कि देश में जो माहौल बनाया जा रहा है उसमें दम नहीं । भाजपा का चाल-चरित्र चेहरा देश के सामने बेनकाब हो चुका है।
बसों की कमी पर कार्यकर्ता नाराज
शहर के कांग्रेसी बसें न मिलने से नाराज दिखे। उन्हें करीब 140 बसों की व्यवस्था की उम्मीद थी, लेकिन शनिवार रात 10 बजे तक 70 भी नहीं मिल पाई थीं। ऎन वक्त पर निजी ट्रेवल्स से बसों की व्यवस्था की गई। रात 12 से 1:30 बजे तक कुछ और बसों की व्यवस्था की गई, लेकिन देरी के कारण सैकड़ों कार्यकर्ता रैली समाप्त होने तक भी रामलीला मैदान नहीं पहुंच सके।
सामने आई कलह
कार्यकर्ताओं को समय पर बस नहीं मिलने सेे शहर कांग्रेस में चल रही कलह भी सामने आई। कई ब्लॉक में पदाघिकारियों और कार्यकर्ताओं ने बसें नहीं भेजने पर संगठन पर आरोप भी लगाए। हवामहल ब्लॉक के वार्ड 67, 68 में बसें नहीं पहुंचने के बाद रात को कार्यकर्ता ब्लॉक अध्यक्ष के साथ सड़क पर बैठे रहे। ब्लॉक अध्यक्ष भगवान सहाय वशिष्ट ने बताया कि बसों का जिम्मा शहर कांग्रेस के कुछ पदाघिकारियों को दिया गया था। उन्होंने हवामहल ब्लॉक की बसें जानबूझकर रोकी ताकि कार्यकर्ता हम पर नाराज हों।
गुड़गांव में नाश्ता
जयपुर से रवाना होने के बाद करीब-करीब सभी साधन गुड़गांव पहुंचे। वहां नाश्ते के बाद सभी दिल्ली के लिए रवाना हुए, लेकिन भीड़ के चलते कार्यकर्ताओं को रैली स्थल पर पहुंचने के लिए 3 से 6 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा।
देर रात तक बसें आ गई थी। करीब 100 बसें दिल्ली के लिए गईं थी। शहर से 5 हजार कार्यकर्ताओं के दिल्ली पहुंचने का लक्ष्य था, इससे भी ज्यादा संख्या में लोग वहां पहुंचे थे।
महेश जोशी, सांसद
अलवर अव्वल
रैली में बसों को आधार माना जाए तो जयपुर व अलवर जिले से जितने कार्यकर्ता गए उतने ही प्रदेश के अन्य जिलों से पहुंचे। प्रदेशभर से रैली में दो हजार से अधिक बसें रवाना हुई थी। सर्वाधिक बसें अलवर से रवाना हुई। परिवहन विभाग के जानकारों के मुताबिक प्रदेशभर से दो से ढाई हजार के बीच बसें रवाना हुई। इनमें छोटी बसें भी शामिल हैं। अलवर से करीब 586 बसें गई। दूसरे नम्बर पर रहे जयपुर से करीब 550 बसें भेजी गई हैं। इनके अलावा 50 कारें भी रैली में गई। झुंझुनूं से 180 बसें, सीकर से 90 बस, हनुमानगढ़ 100, जोधपुर से 80 बस रवाना हई। इसके अलावा अन्य जिलों में से 8 से 50 के बीच बसें रवाना हुई।
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