बहा सांस्कृतिक रंगों का दरिया
जैसलमेर।
स्वर्णनगरी मे रविवार शाम को पूनम स्टेडियम मे सर्द हवा के बीच सांस्कृतिक रंगो का दरिया बहा। फिजां मे लोक संस्कृति के तराने गूंजे, वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रमो को निहारने उठी निगाहें पलक झपकाना भूल गई।
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से लोक कला यात्रा 'अरण्य पर्व' के तहत जैसलमेर के पूनम स्टेडियम में रविवार शाम सात बजे जनजाति कलाकारों के समूह की ओर से पेश किए गए रंगारंग कार्यक्रमो ने चारों ओर उत्साह व उल्लास बिखेरने मे कोई कसर नहीं छोड़ी। जिला कलक्टर शुचि त्यागी के आतिथ्य मे आयोजित कार्यक्रम मे देश के विभिन्न हिस्सों में जनजातियों की मशहूर लोककला और नृत्य शैलियों पर आधारित प्रतिनिघि कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी गई। इस दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर परशुराम धानका, नगरपालिका आयुक्त आरके माहेश्वरी सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे। जैसलमेर जिले में गत शुक्रवार शुरू हुए तीन दिवसीय अरण्य पर्व के कार्यक्रमों का समापन रविवार शाम पूनम स्टेडियम में हुआ।
इस दौरान एक दर्जन से ज्यादा आदिवासी नृत्य शैलियों के 200 लोक कलाकारों की ओर से कला का प्रदर्शन किया गया। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, उदयपुर के निदेशक शैलेन्द्र दशोरा के अनुसार आयोजन में राजस्थान से सहरिया स्वांग, गरासिया गैर, गैर घूमरा, कुचामणी याल, गुजरात से सिद्घि धमाल, मेवासी, डांग नृत्य, महाराष्ट्र से तारपा व सौंगी मुखवटे, गोवा से कुणबी गावड़ा व छत्तीसगढ़ से पंथी व मध्यप्रदेश नृत्य शैलियों से जुड़े ख्यातनाम कलाकारो ने सांस्कृतिक कार्यक्रमो की प्रस्तुतियां दी।
कार्यक्रम का आकर्षण
सांस्कृतिक कार्यक्रम का आगाज कलक्टर ने दीप प्रज्ज्वलन व ढोल बजाकर किया। कार्यक्रम का श्रीगणेश कृष्ण वंदना से किया। इस दौरान गोवा से कलाकारों ने समई नृत्य, सिलवासा के कलाकारों ने तारपा, राजस्थान के नागौर व उदयपुर से आए कलाकारों ने लोकप्रिय घूमर गेर नृत्य व राजस्थानी ख्याल नाटिका पेश कर दर्शकों को गुदगुदाया। गुजरात के कलाकारों ने बेहतर शारीरिक संतुलन के साथ डांग नृत्य प्रस्तुत किया, जिस पर दर्शकों ने दांतों तले अंगुलियां दबा ली। इसी प्रकार गुजरात के ही आदिवासी व अफ्रीकी मूल के कलाकारों ने सिद्धि धमाल नृत्य प्रस्तुत किया। छत्तीसगढ़ के आए कलाकारों ने पंथी नृत्य प्रस्तुत कर अपने प्रदेश की लोक, कला एवं संस्कृति के रंग बिखेर दिए।
रामगढ़. कस्बे के राजकीय बालिका प्राथमिक विद्यालय के प्रांगण में शनिवार रात्रि को आयोजित अरण्य पर्व सिल्वर जुबली यात्रा माटी के रंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में कलाकारों की ओर से दी गई प्रस्तुतियों ने वहां मौजूद दर्शकों का मन मोह लिया। संस्कृतिक व पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर और जिला प्रशासन जैसलमेर के संयुक्त तत्वावधान व ग्राम पंचायत रामगढ़ के सहयोग से कस्बे मे आयोजित सांस्कृतिक कार्यRम में विभिन्न प्रदेशो की लोक संस्कृति, गीत व नृत्यों के माध्यम से कलाकारों ने दर्शको का मनोरंजन किया।
निर्देशक शैलेन्द्र दशोरा के निर्देशन में गुजरात से आए कलाकारों ने मेवासी नृत्य में शारीरिक संतुलन बनाते हुए आर्कषक प्रस्तुति दी। राजस्थान के नागौर जिले से आए कलकारों ने ख्याल नाटिका 'अनपढ़ बींद की पढ़ी लिखी लुगाई' का मंचन करते हुए दर्शको को खूब हंसाया। इसी तरह महाराष्ट्र से सौंधी मुखौटा, मध्यप्रदेश से कर्मा, राजस्थान से सहरिया व गरासिया आदि की आकर्षक प्रस्तुतियां दी गई। लोकगीत व नृत्यों पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन पंकज नागर ने किया। कार्यक्रम के संचालन मे ग्राम पंचायत रामगढ़ का आभार जताया।
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