पटाखा निलामी बोली में कोई नहीं पहुंचा व्यापारी
-अस्थाई पटाखा व्यापारियों को आदर्श स्टेडियम में आवंटित की जानी थी दुकाने
दीपावली पर्व पर बिकने वाले बारूद को लेकर हर बार शहर में दुकाने सजती है, जिसे कारण भीड़ भाड़ वाले इलो में दुर्घटनाओं की आशंका भी बनी होती है। ऐसे में जिला प्रशासन ने निर्णय लेते हुए इस बार आदर्श स्टेडियम में पटाखों की दुकाने आवंटित किए जाने का निर्णय लिया है। लेकिन रविवार को दुकाने आवंटित किए जाने की बोली में कोई भी पटाखा व्यापरी नहीं पहुंचा। पटाखा व्यापारियों में भारी आक्रोश है, कि प्रशासन उने साथ सही नहीं कर रहा, क्योंकि अस्थाई लाइसेंसधारी पटाखा व्यापारियों को गत वर्ष मैन बाजार स्टेशन रोड पर लाइसेंस दिए गए थे। लेकिन दीपावली पर्व पर स्टेशन रोड, मैन बाजार में यातायात दबाव बढ़ने के साथ ही बारूद से हर समय हादसे की आशंका रहती है। जिसको लेकर सभी अस्थाई पटाखा व्यापारियो को आदर्श स्टेडियम में दुकाने आवंटित कर लाइसेंस जारी किए जाने का निदेर्श दिया गया है। लेकिन नाराज व्यापारियों ने शनिवार रात्रि में महावीर पार्क में बैठक का आयोजन कर जिला प्रशासन को चेताया कि आदर्श स्टेडियम में लाइसेंस दिए जाने से उनका व्यापार कमजोर पड़ेगा, साथ ही आदर्श स्टेडियम में विशेष प्रकारस्थाई लाइसेंस धारी बाजार में होने से आदर्श स्टेडियम में ग्राहक नहीं पहुंचेंगे। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि क्यों तो सभी को आदर्श स्टेडियम में रखा जाए या फिर बाजार में। ऐसा नहीं किया तो वे लाइसेंस नहीं लेंगे।
जबकि प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक आदर्श स्टेडियम में आवंटित की जाने वाली 55 पटाखा दुकानों के लिए टेंट, पानी सहित सुरक्षा की व्यवस्था भी रहेगी। नगर परिषद की ओर से रविवार को आदर्श स्टेडियम में दुकाने आवंटित किए जाने को बोली लगाई जानी थी, लेकिन राजस्व अधिकारी सुरेंद्र जैन, लक्ष्मण पंवार, सुरेश जैन सहित नगर परिषद के अधिकारी कई घंटों तक इंतजार करने के बावजूद भी दुकानों की निलामी बोली में भाग लेने के लिए कोई व्यापारी नहीं आया। जिसे कारण रविवार को एक भी दुकान आवंटित नहीं हो सकी। अब देखना ये है कि आखिर प्रशासन आदर्श स्टेडियम में लाइसेंस देने की जिद पर अड़ा रहता है या फिर व्यापारियों की मांग पर उन्हें बाजार में दुकान लगाने के लिए लाइसेंस आवंटित किए जाएंगे। अगर बाजार में लाइसेंस आवंटित करता है तो क्या हादसा होने पर जिम्मेदारी कौन लेगा?, वैसे भी दीपावली के दिनों में तो बाजार में दुपहिया वाहन लेकर जाना भी मुश्किल हो जाता है, ऐसे में अगर बारूद के कारण हादसा होता है तो एक छोटी सी चिंगारी शहर में तबाही मचा सकती है।

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