जब डॉक्टर को किया गया एपीओ तब जाकर शांत हुए मृतका के परिजन
पोकरण.
पुलिस प्रशासन तथा चिकित्सा विभाग द्वारा किसी प्रकार का कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिलता देख आक्रोशित परिजनों तथा शहरवासियों ने अस्पताल परिसर में जमकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की तथा प्रदर्शन किया।
शुक्रवार रात्रि को पुलिस तथा चिकित्सा प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं करने के कारण परिजन बालिका के शव के साथ अस्पताल में ही जमे रहे।देर रात तक चली समझौता वार्ता में ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी बी.के.प्रजापत तथा वृत्ताधिकारी कल्याणमल बंजारा द्वारा चिकित्सक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के आश्वासन के बाद भी परिजन अपनी जगह से नहीं हिले।
शनिवार सुबह चिकित्सक के खिलाफ किसी प्रकार की कठोर कार्रवाई नहीं होता देख शहरवासियों तथा परिजनों ने जमकर हंगामा किया।
पत्थर डाल नेशनल हाइवे रोका
शनिवार सुबह लगभग 10 बजे लोगों ने नेशनल हाईवे पर पत्थर डालकर हाईवे जाम किया। साथ ही आक्रोशित भीड़ ने अस्पताल परिसर स्थित ब्लॉक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में तोडफ़ोड़ की।
भीड़ द्वारा ब्लॉक सीएमएचओ कार्यालय में किए गए तोडफ़ोड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने हल्का बल का प्रयोग कर लोगों को वहां से खदेड़ा। साथ ही पुलिस प्रशासन द्वारा हाइवे पर डाले गए पत्थरों को हटाकर मार्ग को सुचारू किया।
इन मांगों पर अड़े रहे परिजन
आरोपी चिकित्सक के खिलाफ विभाग द्वारा कठोर कार्रवाई की जाए।
चिकित्सक के खिलाफ पुलिस थाना में एफआईआर दर्ज की जाए।
चिकित्सक द्वारा बालिका को दिए गए उपचार में की गई जांच का विवरण दिया जाए।
बालिका की बीमारी का खुलासा किया जाए।
बालिका को प्राथमिकता के तौर पर दी गई दवा की मेडिकल टीम द्वारा जांच की जाए।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की उपस्थिति में बालिका का पोस्टमार्टम किया जाए।
महिलाओं ने बंद करवाया बाजार
आक्रोशित महिलाओं ने अस्पताल परिसर से लेकर जयनारायण व्यास चौराहे तक लगे व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद करवाया। दुकानदारों ने भी अपने प्रतिष्ठान बंद कर महिलाओं के इस विरोध का समर्थन किया।
वहीं जयनारायण व्यास चौराहा पर मानवशृंखला बनाकर नेशनल हाईवे को बंद किया। जिस पर महिला पुलिस द्वारा समझा बुझाकर महिलाओं को हाइवे से हटाया गया।
चिकित्सक को एपीओ करने के बाद शांत हुए परिजन
परिजनों द्वारा किए गए हंगामे को लेकर पोकरण पहुंचे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी आनंद गोपाल पुरोहित ने परिजनों की मांगों को सुना तथा चिकित्सक मोहम्मद याकूब को एपीओ किया।
साथ ही चिकित्सक के खिलाफ पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवाई। सीएमएचओ ने परिजनों की मांगों को मानते हुए बालिका का पोस्टमार्टम करवाने की स्वीकृति दी। जिस पर दो दिन से गर्माया माहौल शांत हुआ।
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