क्या पिछले मामलों की तरह यह हत्याकांड भी हो जाएगा दफन

जैसलमेर गत 18 अक्टूबर को डालूराम का शव पुलिस को डाबला गांव के पास मिला था। मामला हत्या का था और पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच भी शुरू कर दी। लेकिन अब तक मामले की गुत्थी सुलझने की जगह लगातार उलझ रही है।जहां पुलिस द्वारा विश्वास के साथ मामले का खुलासा करने के दावे किए जा रहे थे वहीं अब इस हत्याकांड में कुछ भी पुलिस के हाथ लगता नजर नहीं आ रहा है।पहले पुलिस को मामला सामान्य लगा और ऐसा लग रहा था कि शीघ्र ही हत्यारे गिरफ्त में आ जाएंगे। लेकिन जैसे जांच आगे बढ़ती गई मामला उलझता गया और अभी तक कोई ठोस सुराग पुलिस को हाथ नहीं लगा है।अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या यह हत्याकांड भी पिछले मामलों की तरफ दफन हो जाएगा या फिर पुलिस इसमें हत्यारों को पकड़ पाएगी। गौरतलब है कि एक दशक पूर्व के हरीश हत्याकांड का राज न तो पुलिस खोल पाई और न ही सीबीआई।
जानकारी के अनुसार हरीश हत्याकांड की सीबीआई द्वारा दोबारा जांच की जा रही है। इसके अलावा चेलक में हुए एक युवक की हत्या का राज भी जैसलमेर पुलिस नहीं खोल पाई थी और गीता हत्याकांड में भी पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा था। अब ऐसा लग रहा है कि पिछले मामलों की तरह यह मामला भी फाइलों में दफन हो जाएगा।
रंजिश या फिर प्रेम संबंध
पुलिस डालूराम हत्याकांड में हर तरफ से जांच कर रही है। पुलिस ने इस मामले को लेकर सैकड़ों लोगों से पूछताछ की लेकिन अभी तक एक भी सुराग पुलिस को नहीं लगा।सूत्रों के अनुसार पुलिस ने इस हत्या को लेकर आपसी रंजिश व प्रेम संबंध दोनों ही एंगल से सुराग ढूंढने के प्रयास किए लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा।
पुलिस की अलग अलग टीमें इस मामले को लेकर लगातार पड़ताल कर पूछताछ कर रही है लेकिन कड़ी से कड़ी जोडऩे वाला सुराग पुलिस को हाथ नहीं लग रहा है।

न मोबाइल मिला और न ही पेंट मिली
पुलिस को इस मामले में मृतक के मोबाइल व पेंट की तलाश थी। गौरतलब है कि मृतक का मोबाइल व पेंट दोनों ही गायब थी।
पुलिस ने शव मिलने वाले स्थान के 25 किलोमीटर परिधि में मृतक के मोबाइल व पेंट की तलाश की लेकिन अभी तक पुलिस को दोनों ही चीजें नहीं मिल पाई है।

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