वीरभद्र ने दी मीडिया को धमकी, बीजेपी में शामिल होंगी उमर की बीवी?
नई दिल्ली. पार्टी अध्‍यक्ष नितिन गडकरी पर लग रहे भ्रष्‍टाचार के आरोपों के बीच बीजेपी के लिए कुछ राहत वाली भी खबरे हैं। वहीं, भ्रष्‍टाचार के आरोपों से घिरे हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के दावेदार वीरभद्र सिंह ने मीडियाकर्मियों को धमकी दी है। टीवी चैनल के कुछ पत्रकारों ने जब उनके सवाल पूछने शुरू किए तो वह गुस्‍से में आ गए और मीडियाकर्मियों के कैमरे तोड़ डालने की धमकी दी।
वीरभद्र ने दी मीडिया को धमकी, बीजेपी में शामिल होंगी उमर की बीवी?इसी बीच नितिन गडकरी के बचाव में संघ खुलकर सामने आ गया है। संघ के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने नितिन गडकरी के बचाव में कहा है कि गडकरी का मीडिया ट्रायल हो रहा है। हालांकि सूत्रों का यह भी मानना है कि गडकरी के मसले पर संघ में अंदरूनि घमासान भी जारी है।
खबर है कि जम्‍मू-कश्‍मीर के सीएम और नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्‍दुल्‍ला की पत्‍नी पायल सिंह बीजेपी ज्‍वाइन कर सकती है। हालांकि बीजेपी आलाकमान इस बारे में कुछ कहने से साफ बच रहा है। उमर और पायल इस वक्‍त एक दूसरे से अलग रहते हैं। पायल दिल्‍ली में रह रही हैं और राजनीति में कूदने की कोशिश कर रही हैं। ऐसी भी खबर है कि पायल ने बीजेपी ज्‍वाइन करने के मसले पर गडकरी से कई बार मुलाकात भी की है। 
एक तरफ बीजेपी के लिए कुछ राहत वाली खबरें हैं तो दूसरी तरफ पार्टी अध्‍यक्ष पर लगे गंभीर आरोपों पर बीजेपी ने चुप्‍पी साध ली है।

कल्याण सिंह के भाजपा में शामिल होने का रास्ता साफ 
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के फिर भाजपा में शामिल करने का रास्ता साफ हो गया है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कल्याण सिंह से दिल्ली स्थित उनके निवास पर मुलाकात की। इस दौरान पार्टी में उनकी वापसी की औपचारिकताओं को पूरा किया गया। माना जा रहा है कि कल्याण के बेटे राजवीर सिंह को भाजपा लोकसभा चुनाव का टिकट देगी। संभावना है कि कल्याण की दिवाली से पहले भाजपा में वापसी हो जाएगी।

येदियुरप्पा ने भाजपा छोड़ी, दिसंबर में बनाएंगे पार्टी 
दक्षिण भारत में भाजपा को पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने तगड़ा झटका दिया है। उन्होंने मंगलवार को भाजपा छोडऩे की घोषणा की है। वे दस दिसंबर को अपनी क्षेत्रीय पार्टी के नाम की घोषणा करेंगे। भाजपा ने उन्हें अवैध खनन घोटाले के चलते मुख्यमंत्री पद से हटाया था। उनके विरोध के चलते सदानंद गौड़ा के स्थान पर जगदीश शेट्टार को मुख्यमंत्री बनाया गया था। 
अपने निवास पर येदियुरप्पा ने कहा कि दशहरे से वे अपनी नई पार्टी के गठन की प्रक्रिया शुरू कर देंगे। नई पार्टी के घोषणा बेंगलुरु से 350 किलोमीटर दूर हावेरी में एक रैली में करेंगे। उन्होंने कहा कि अभी यह तय नहीं किया है कि उनके समर्थक मंत्री और विधायक भाजपा को छोड़कर उनके साथ आएंगे। उनका दावा है कि 120 पार्टी विधायकों में से 70 विधायक उनके समर्थक हैं। शेट्टार मंत्रिमंडल के 34 मंत्रियों से आधे उनके समर्थक माने जाते हैं। शेट्टार और येदियुरप्पा राज्य के लिंगायत समुदाय से हैं। दोनों एक दूसरे के विरोधी माने जाते हैं। इसी के चलते 2008 में येदियुरप्पा ने शेट्टार को अपने मंत्रिमंडल में भी शामिल नहीं किया था। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने 31 अक्टूबर को सफाई देने के लिए बुलाया है। इसके बाद संघ की कार्यकारी मंडल की 2 से 4 नवंबर के बीच चेन्नई में होने वाली बैठक में उन पर फैसला होगा। गडकरी की दलीलों से संतुष्ट नहीं होने पर संघ भाजपा अध्यक्ष पद पर उनके दूसरे कार्यकाल को लेकर सवाल खड़े कर सकता है। 

गडकरी पर लगे आरोपों के कई असर हो सकते हैं- 

संसद के शीतकालीन सत्र में यूपीए भाजपा पर हमला बोल सकता है। 

पार्टी के विरोधी नेता गडकरी के दूसरे कार्यकाल के खिलाफ हो सकते हैं। 

भाजपा के शुचिता मानक पर मौजूदा आरोप भारी पड़ सकते हैं। 

संघ गडकरी को सीधे समर्थन से कतराएगा। 

आडवाणी मुखर हो सकते हैं। येदियुरप्पा के मामले में वे पहले से नाखुश हैं। 

भ्रष्टाचार के मामले में कुर्सी गंवाने के बाद अब नई पार्टी बनाने का ऐलान कर चुके येदियुरप्पा हमलावर हो सकते हैं।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गडकरी की कंपनी 'पूर्ति पावर एंड शुगर' ने कई घपले किए। इनमें गलत तरीके से पैसे जमा करने से लेकर कंपनी के बारे में दी गई जानकारी फर्जी होना शामिल है। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा है कि इस मामले की जांच कराई जाएगी। 

गडकरी पर लगे आरोप ये हैं- 

1. आइडियल रोड बिल्डर्स (आईआरबी) ग्रुप की कंपनी ग्लोबल सेफ्टी विजन ने गडकरी की कंपनी पूर्ति पावर एंड शुगर को 2010 में 164 करोड़ रुपए का कर्ज दिया। महाराष्ट्र के पीडब्ल्यूडी मंत्री रहते हुए गडकरी ने आईआरबी को कई ठेके दिलाए थे। 

2. जब कर्ज दिया गया तब ग्लोबल सेफ्टी विजन का कुल कारोबार ही 145 करोड़ का था। 49 करोड़ रुपए के घाटा भी था। कंपनी के पास पूर्ति के बिजली प्लांट, चीनी मिल और जमीन गिरवी है। आईआरबी के मालिक डीपी म्हस्कर के पास पूर्ति के 68.4 लाख शेयर हैं। 

3. पूर्ति में सोलह और कंपनियों की हिस्सेदारी है। इनके शुरुआती डायरेक्टर गडकरी के ड्राइवर मनोहर पानसे, मुनीम पांडुरंग झेड़े और पूर्ति के कर्मचारी रहे हैं। गडकरी के बेटे के दोस्त श्रीपाद कोतवाल और निशांत विजय अग्निहोत्री को भी डायरेक्टर बनाया गया। 

4. कंपनियों के दफ्तर का पता फर्जी है। पांच कंपनियों का पता मुंबई में दुबे की चाल बताया गया है। जबकि वहां कुछ भी नहीं मिला है। नौ अन्य कंपनियों के पते भी गलत पाए गए। सभी कंपनियों के ई-मेल आईडी एक ही मिला है। 

इन आरोपों पर अरविंद केजरीवाल ने कहा- जो खुलासे इंडिया अगेंस्ट करप्शन ने किए थे उसे गडकरी जी ने चिल्लर कहा था। लेकिन अब जो बातें सामने आई हैं गडकरी जी को उस पर जवाब देना चाहिए।

ताजा आरोपों की सफाई में गडकरी ने कहा, '14 महीने पहले मैं कंपनी के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे चुका हूं। मेरे पास अभी कंपनी के केवल 310 शेयर हैं। इनकी कीमत 3100 रुपए है।' उधर, पूर्ति पावर एंड शुगर लिमिटेड के एमडी सुधीर दिवे ने माना कि आईआरबी के प्रमोटर डीपी म्हस्कर ने उन्हें 164 करोड़ रुपए का लोन ग्लोबल सेफ्टी विजन के जरिए दिलाया था। उन्होंने कहा कि 'पूर्ति ने 62 करोड़ रुपए लौटा भी दिए हैं। लेन-देन नियमों की अनदेखी नहीं हुई है।' 

खुलासे के बाद भाजपा के सांसद राज जेठमलानी ने गडकरी से इस्तीफे की मांग की है। लेकिन राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली गडकरी के बचाव में हैं। उन्होंने कहा कि सरकार चाहे तो जांच करा ले। इससे पहले इंडिया अगेंस्ट करप्शन के अरविंद केजरीवाल ने गडकरी पर सरकार से मिलीभगत कर करीब सौ एकड़ जमीन अपने नाम करने का आरोप लगाया था। 

गडकरी पर लगे आरोपों की जांच हो : दिग्विजय 
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी पर लगे ताजा आरोपों की जांच कराए जाने की मांग की है। अपने पत्र में दिग्विजय ने लिखा कि गडकरी के खिलाफ प्रथम दृष्टया गंभीर धोखाधड़ी का मामला बनता है। सबूत के तौर पर कांग्रेस महासचिव ने पीएम को कुछ दस्तावेज भी भेजे हैं। गौरतलब है कि हाल ही में गडकरी ने कांग्रेस महासचिव के खिलाफ मानहानि के मामले में नोटिस दिया था। तब कांग्रेस महासचिव ने कहा था कि वे कोर्ट में इसका जवाब देंगे। 
अपने पत्र में दिग्विजय ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि वे गडकरी पर लगे आरोपों की जांच कराएं। कांग्रेस महासचिव ने पीएम को बताया कि गडकरी ने भी कहा है कि वह स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच के लिए तैयार हैं। दिग्विजय ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते यह ठीक होगा कि गडकरी के मामले की सही तरीके से जांच हो और उन्हें खुद को निर्दोष साबित करने का उचित अवसर मिले। यह पहला मौका है जब कांग्रेस के किसी नेता ने इस मामले में जांच की मांग की है। कांग्रेस अब तक यह कहती रही है कि व्यक्तियों के निजी व्यवसाय में किसी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए और जब तक कोई जांच एजेंसी किसी तरह की अनियमितता का पता न लगाए, कांग्रेस को भाजपा प्रमुख को निशाना बनाने की जरूरत नहीं है। कांग्रेस महासचिव ने पीएम को लिखे पत्र के साथ कारपोरेट मामलों के मंत्रालय की अधिकृत वेबसाइट से जुटाई गई सूचनाओं से संकलित रिपोर्ट भी भेजी है। उन्होंने कहा कि एक टीवी चैनल के निष्कर्षों और साथ ही इस रिपोर्ट में कुछ गंभीर बिंदु हैं, जिन पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है।

वीरभद्र पर बीजेपी ने लगाए आरोप
एक अंग्रेजी अखबार के खुलासे के बाद वीरभद्र पर भाजपा ने भी ठगी, रिश्वत लेने और आयकर चोरी के आरोप लगाए हैं। जवाब में वीरभद्र सिंह ने कहा है कि तमाम आरोप साजिश के तहत लगाए जा रहे हैं। चुनाव के बाद कानूनी कार्रवाई करेंगे। भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि वीरभद्र सिंह ने 2008 के बाद अपने आयकर खाते में बदलाव किए। ताकि पिछली तारीख का फर्जी अनुबंध प्रदर्शित किया जा सके। इसके जरिए करीब 6.5 करोड़ रुपए की आय दिखाई गई। वीरभद्र सिंह उस समय आलोचनाओं के घेरे में आए थे जब उन पर एक स्टील कंपनी से पैसे लेने का आरोप लगा था। कंपनी पर 2010 में आयकर छापे के बाद एक डायरी मिलने पर इसका खुलासा हुआ था। भाजपा ने उन खबरों पर वीरभद्र सिंह को निशाना बनाया जिसमें विशंभर दास नामक एक व्यक्ति से सेब के बगीचे के संबंध में अनुबंध पर हस्ताक्षर करने और 10.5 लाख रुपए का सालाना भुगतान प्राप्त करने की बात कही गई है। जेटली ने कहा कि जब छापेमारी में जब्त स्टील कंपनी की डायरियां सामने आई तो सिंह ने आनंद चौहान नामक व्यक्ति के साथ पिछली तारीख का अनुबंध किया ताकि पूर्व के अनुबंध को बदला जा सके। इस अनुबंध में चौहान ने तीन वर्षों में 6.5 करोड़ रुपए जोड़े। जेटली ने मामले की विशेष जांच दल से जांच कराने की मांग की है। 

सेना के छह कमांडरों ने किया 100 करोड़ का नुकसान 

गडबड़ी की खबर सेना से भी है। सेना के छह कमांडरों ने दो साल में 100 करोड़ रुपए का नुकसान किया है। रक्षा मंत्रालय के इंटरनल ऑडिट रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। ऑडिट 2009-11 के बीच की अवधि के लिए किया गया है। इसके बाद रक्षा मंत्री एके एंटनी ने सेना के खर्च पर सख्ती से निगरानी के निर्देश दिए हैं। इस बीच सेना ने दावा किया है कि 100 करोड़ रुपए का नुकसान खरीदी में हुआ है। इसमें किसी भी तरह के नियम का उल्लंघन नहीं हुआ है। रक्षा मंत्रालय ने कंट्रोलर ऑफ डिफेंस अकाउंट्स (सीडीए) को सेना के कमांडरों द्वारा खर्च की गई राशि का ऑडिट करने करने के निर्देश दिए थे। कमांडरों को सैन्य सामान की फौरी खरीद के लिए 125 करोड़ रुपए तक की राशि खर्च करने का अधिकार होता है। मंत्रालय ने इसी मद की ऑडिट कराई है। ऑडिट रिपोर्ट में वर्ष 2009 से 2011 के बीच विभिन्न कमान द्वारा किए गए ऐसे 55 खर्च की पड़ताल का ब्योरा है। इस दौरान मौजूदा सेना प्रमुख जनरल बिक्रम कोलकाता की इस्टर्न कमान के मुखिया थे। इस बीच रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सेना के सभी विभागों में खर्च के मामले में निगरानी पर जोर दिया जा रहा है। उन विभागों में ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है जहां ऑडिट की व्यवस्था नहीं रही है। इसके लिए कुछ ऑडिटरों की भी नियुक्ति की जा रही है। 

कैसी-कैसी गड़बड़ी 
- रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ उपकरण ग्रे मार्केट से खरीदे गए हैं। इनमें चीनी संचार उपकरण भी शामिल है। - उत्तरी कमान में दूध खरीदी में गड़बड़ी उजागर हुई है। 
- पूर्वी कमान ने विदेश से दूरबीन खरीदने में अधिक पैसे खर्च किए गए। जबकि वही सामान भारतीय बाजार में सस्ते में उपलब्ध था।

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