बॉर्डर बेचान मामले में फिर हारी सरकार
अजमेर. 
बीकानेर जिले में पाकिस्तान के सीमावर्ती प्रतिबंधित क्षेत्रों में हुई जमीनों की खरीद-फरोख्त व नामांतरण को लेकर 19 प्रकरणों में फिर राज्य सरकार के खिलाफ फैसला हुआ है। इससे पहले बीते साल बाड़मेर जिले से जुड़े करीब 350 प्रकरणों में भी राजस्व मंडल में सरकार के खिलाफ दायर निगरानी याचिकाएं एकल पीठ ने मंजूर कर ली थी। हालांकि तीन माह पहले हाईकोर्ट ने सरकार की ओर से दायर रिट पर प्रारंभिक सुनवाई में कुछ प्रकरणों में मंडल के फैसले की क्रियान्विति पर रोक लगा दी थी। मंडल के सदस्य बीएल नवल की एकल पीठ ने हिसार निवासी मुकुल महिपाल समेत 19 जनों की ओर से दायर 19 निगरानी याचिकाओं को मंजूर किया है। एकल पीठ ने इससे पहले 14 अक्टूबर को 282 निगरानी याचिकाओं का निपटारा करते हुए निर्णय पारित किया गया, फिर 49 अपीलों में सरकार के खिलाफ फैसला हुआ। इसके बाद मंडल का यह चौथा फैसला है जिसमें सरकार को हार का मुंह देखना पड़ा है। एकल पीठ ने माना कि जमीन के खरीदारों को रजिस्टर्ड बेचाननामे के आधार पर नामांतरण का अधिकार है। वहीं राज्य सरकार की दलील थी कि सुरक्षा कारणों से देश के सीमावर्ती इस क्षेत्र को केंद्र सरकार ने प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया है। इस 1961 में गजट नोटिफिकेशन भी जारी किया हुआ है जिसके तहत अधिसूचित क्षेत्र में प्रवेश पर पाबंदी है। 
इसमें बज्जू, पूगल, छतरगढ़ और खाजूवाला का प्रतिबंधित क्षेत्र शामिल है। सरकार की दलील थी कि प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश पर पाबंदी के कारण बेचान के जरिये नामांतरण करने व उसके आधार पर प्रवेश की अनुमति भी नहीं दी जा सकती। लेकिन एकल पीठ ने सरकार की इस दलील को ठुकरा दिया।

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