संघ सुपीमो से मुलाकात,नरम पड़े मोदी 
नई दिल्ली। 
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की रविवार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से नागपुर जाकर की गई मुलाकात के बाद राजनीतिक हल्के में हलचल मच गई है। साढे तीन घंटे चली इस मुलाकात को हालांकि भाजपा रूटिन की मुलाकात बता रही है।
मोदी ने बैठक के बाद मीडियाकर्मियों से कहा कि मैंने भागवतजी, भैयाजी जोशी और सुराजजी सोनी से मिलने का फैसला लिया था। उनके साथ मेरी बैठक तीन घंटे से अधिक समय तक चली। हमने विभिन्न विषयों पर बातचीत की। बातचीत आनंददायक रही। मैं भी स्वयंसेवक हूं और संघ में मेरी आस्था है। जाहिर है, हमने दिल खोलकर बातचीत की। मोदी ने हालांकि कहा कि संघ के शीर्ष पदाधिकारियों से उनकी कोई राजनीतिक बातचीत नहीं हुई।
यह पूछे जाने पर कि कहीं भागवत के साथ उनकी मुलाकात 2014 के आम चुनाव में आरएसएस का समर्थन पाने के लिए तो नहीं था, मोदी ने कहा कि आरएसएस कभी इन चीजों में नहीं उलझेगा। यह न तो उसका विषय है और न ही उसकी रूचि का मुद्दा है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता मोदी लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के लिए इस समय चुनाव प्रचार अभियान में जुटे हैं। पार्टी के राज्यसभा सदस्य राम जेठमलानी ने पिछले सप्ताह पार्टी नेतृत्व से मोदी को 2014 के संसदीय चुनाव के लिए प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनाए जाने की सिफारिश की थी।
उधर,गुजरात चुनावों में जिस तरह से मोदी ने बिहार के नोताओं की नो एंट्री और कई अन्य भाजपा नेताओं को प्रचार के लिए बुलाए जाने से इनकार कर दिया उसके बाद पार्टी के एक धड़े का मोदी का यह रूख अखर रहा है। माना जा रहा है कि संघ ने मोदी को कई मसलों पर पार्टी की राय के अनुसार चलने का मशविरा दिया है। इतना ही बल्कि गुजरात विधानसभा प्रचार के लिए पार्टी ने स्टार प्रचारकों की जो सूची तैयार की थी उसमें अब बिहार के नेताओं को भी जगह मिलेगी। इसके लिए उन्हें अलग से नयोता भेजा जाएगा।

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