सेना सेक्स कांड का सच होगा बेपर्दा
नई दिल्ली।
सेना के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बिग्रेडियर एम एम मसरू की अगुवाई में दो कर्नलों के सहयोग से हुई इस जांच के पूरा होने की पुष्टि करते हुए कहा कि अब उसके निष्कर्षो को अंतिम रू प दिया जा रहा है। सूत्रों ने जांच रिपोर्ट को अंतिम रू प दिए जाने तक उसके नतीजों की जानकारी देने से इंकार किया लेकिन कहा कि जांच में पूरी सख्ती बरती गई है और तहकीकात के दायरे से कोई पहलू छूटा नहीं है। सूत्रों ने कहा कि जांच रिपोर्ट को अंतिम रू प दिए जाने के बाद उसे सेना मुख्यालय में भेजा जाएगा और समुचित स्तर पर उस पर आगे कार्रवाई की जाएगी।
यौन दुराचार के आरोपों का सामना करने वाली यह यूनिट कांगो के प्रांत नॉर्थ किवू में किवांजा में तैनात थी और वहां संयुक्त राष्ट्र के ऑफिस ऑफ इंटरनल ओवरसाइट सर्विसेज ओआईओएस ने "विशिष्ट भारतीय शक्लों" वाले बच्चों के डीएनए नमूनों की जांच के आधार पर प्राथमिक तौर पर यौन दुराचार के मामलों की पुष्टि की थी। इस अदालती जांच में कांगो से भारतीय जैसे दिखने वाले बच्चों के डीएनए भी दो बार मंगाए गए और सभी अधिकारियों एवं सैनिकों से गहन पूछताछ की गई। संयुक्त राष्ट्र की आरंभिक जांच के बाद इस यूनिट को जुलाई 2009 में वापस बुलाया गया था और अदालती जांच शुरू कर दी गई थी। कुछ तबकों में यह बहस उठाई गई थी कि आपसी सहमति से कायम हुए यौन संबंधों या वेशयावृत्ति के मामलों को यौन दुराचार के रू प में पेश किया गया। इसके जवाब में संयुक्त राष्ट्र शंति सेना के कार्यालय ने स्पष्ट किया था कि सहमति से सैक्स संबंध कायम करने,वेशयावृत्ति में लिप्त पाया जाना और बच्चों पैदा करना भी नीति एवं नियमों के उल्लंघन के दायरे में आता है।
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