वनस्थली मामला: कुलपति के साथ समझौता
जयपुर/निवाई।
राजस्थान के वनस्थली विद्यापीठ में कथित रेप के मामले में शुक्रवार देर रात कुलपति और स्टूडेंट्स के बीच समझौता हो गया। इसी के साथ यूनिवर्सिटी कैम्पस में दो लड़कियों के साथ दुष्कर्म और छेड़छाड़ को लेकर आक्रोशित स्टूडेंट्स ने आंदोलन वापस ले लिया। शनिवार सुबह वनस्थली परिसर में तनावपूर्ण शांति का माहौल नजर आया,लेकिन कुछ सवालों को लेकर विद्यापीठ प्रशासन अब भी कठघरे में हैं। पुलिस के नोटिस के जवाब के साथ ही विद्यापीठ को राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम के सवालों का भी सामना करना पड़ सकता है।
जानकारी के अनुसार शुक्रवार रात करीब 12 बजे आंदोलित छात्राओं की विद्यापीठ के कुलपति आदित्य शास्त्री के साथ समझौता वार्ता हुई। छात्राओं ने परिसर में आने वाले पानी के टैंकर चालकों समेत बाहरी पुरूषों के रोक और अघिक महिला सुरक्षाकर्मियों को नियुक्त करने की दोनों मांगों पर आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने आंदोलन वापस ले लिया।
कुलपति की पत्नी कमेटी में!
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष लाडकुमारी जैन की मानें तो छात्राओं और महिलाओं के कार्यस्थलों के बारे में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को यहां पर तार-तार कर दिया गया है। गौरतलब है कि विशाखा मामले में उच्चतम न्यायालय ने दिशा निर्देश जारी किए थे। इसमें अदालत ने जहां लड़कियां और महिलाएं कार्य करती है, वहां एक कमेटी बनाने के निर्देश दिए थे। साथ ही यह भी कहा था कि इसकी जानकारी सभी को दी जानी चाहिए। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने इस बारे में भी पड़ताल की, तो पता चला कि वनस्थली में बनी कमेटी का संयोजक वाइस चांसलर की पत्नी को बना कर उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों के पालना की महज औपचारिकता ही पूरी की गई। ऎसी किसी कमेटी के नाम तक का पता छात्राओं की तो बात दूर रही, अध्यापिकाओं तक को नहीं है। जैन के मुताबिक विद्यापीठ प्रशासन एनजीओ सदस्य एवं अन्य सदस्यों की पूरी जानकारी भी नहीं दे सका। खबर है कि राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम भी वनस्थली पहुंच रही है।
विद्यापीठ प्रशासन को नोटिस
एसपी एस परिमाला ने पत्रकारों को बताया कि विद्यापीठ प्रशासन को नोटिस देकर दो छात्राओं को बंधक बनाने के मामले में जवाब-तलब किया गया है। हॉस्टल व बाहर गई छात्राओं की संख्या की भी जानकारी मांगी है। पुलिस जांच रही है कि किसी अन्य छात्रा को कहीं और तो बंधक नहीं बना कर रखा गया है।
क्यों बनाया बंधक?
छात्राओं के साथ दुष्कर्म का मामला उछलने के बाद हास्टल वार्डन के 41 नंबर के कमरे में दो छात्राओं को बंद करने का मामला चर्चा में है। दोनों छात्राओं को पीने के लिए पानी तक नहीं दिया गया। इन छात्राओं को दूसरे दिन पुलिस महानिरीक्षक अनिल पालीवाल की मौजूदगी में रिहा करवाया गया।
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