मोदी की जीत के चार सूत्र
नई दिल्ली।
गुजरात में दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। कांग्रेस सत्ता में आने के लिए पूरा जोर लगा रही है लेकिन पिछले चार विधानसभा चुनाव में लगातार मुंह की खाने वाली कांग्रेस के लिए यह उतना आसान नहीं है। आईए नजर डालते हैं उन कारणों पर जिनके कारण नरेन्द्र मोदी की जीत तय मानी जा रही है।
लगातार जीत से कांग्रेस कमजोर
चार क्षेत्रों में सेंध लगाना मुश्किल
भाजपा की सबसे बड़ी ताकत गुजरात के चार क्षेत्रों में हैं। इन चार क्षेत्रों में कुल 58 विधानसभा सीटें आती है। पिछले चार विधानसभा चुनाव के नतीजों को देखें तो पता चलता है कि इन चार क्षेत्रों में भाजपा 1995 के बाद कभी नहीं हारी। सौराष्ट्र की 19,उत्तर गुजरात की 22,सेंटर गुजरात की 8 और दक्षिण गुजरात की 8 सीटों पर भाजपा ने 1995 के बाद से जीत दर्ज करती आ रही है।
भाजपा के इस मजबूत किले में सेंध लगाना कांग्रेस के लिए आसान नहीं है। इन चारों क्षेत्रों में कांग्रेस को भाजपा के मुकाबले 25 फीसदी कम वोट मिले। अगर भाजपा 58 विधानसभा क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन करती है तो पीछे बची 124 सीटों में से वह आधी भी जीत जाती है तो वह बहुमत का आंकड़ा आसानी से पार कर जाएगी।
शहरी मतदाता भाजपा की असली ताकत
गुजरात में भाजपा को गांवों की तुलना में शहरों से अधिक वोट मिलते हैं। गुजरात में 36 विधानसभा सीटें ऎसी हैं जहां शहरी मतदाता जीत तय करते हैं। इसके अलावा 22 ऎसी सीटें हैं जहां शहरी मतदाताओं के वोट 60 फीसदी हैं।
सभी बड़े समुदायों में अच्छी पकड़
भाजपा की सबसे बड़ी ताकत प्रदेश के सभी बड़े समुदायों में अच्छी पकड़ होना भी है। भाजपा को राजपूत,पटेल,आदिवासी समुदायों का अच्छा समर्थन हासिल है। इसके अलावा सवर्ण जातियों और ओबीसी की जातियों में भी पार्टी की अच्छी पकड़ है जबकि कांग्रेस का जनाधार केवल दलित और मुस्लिमों में है। गुजरात में दलित 7 फीसदी हैं जबकि मुस्लिम 9 फीसदी हैं।
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