सरकारी खर्च पर नहीं हुआ इलाज 

नई दिल्ली। 
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का वह दावा झूठा साबित होता दिख रहा है जिसमें कहा गया था कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के इलाज और विदेश दौरों पर यूपीए सरकार ने 1880 करोड़ रूपए खर्च किए थे। केन्द्रीय सूचना आयोग ने साफ किया है कि सोनिया गांधी के विदेश में इलाज कराने पर सरकार ने एक रूपया खर्च नहीं किया है। इलाज का सारा खर्च खुद सोनिया गांधी ने उठाया था। हालांकि आयोग ने उस व्यक्ति के बारे में जानकारी देने से इनकार कर दिया है जिसने सोनिया के इलाज पर पैसे खर्च किए थे। 

केन्द्रीय सूचना आयुक्त सत्यानंद मिश्रा ने 3 मई 2012 को आरटीआई के जवाब में यह बात कही थी। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता नवीन कुमार ने सूचना के अधिकार के तहत सोनिया गांंधी के इलाज पर हुए सरकारी खर्च की जानकारी मांगी थी। कुमार ने जानकारी मांगी थी कि सोनिया गांधी के अमरीका में हुए इलाज पर अगस्त 2011 से सितंबर 2011 के बीच सरकार ने कितना खर्च किया। 

कुमार के आवेदन को प्रधानमंत्री कार्यालय,विदेश मंत्रालय,संसदीय कार्य मंत्रालय,सांख्यिकी और प्रोग्राम क्रियान्वयन मंत्रालय,राष्ट्रीय सलाहकार परिषद और लोकसभा सचिवालय को भेजा गया। केन्द्रीय सूचना आयोग ने सरकारी प्रतिनिधियों और कुमार की दलील सुनने के बाद अपना जवाब दिया। केन्द्रीय सूचना आयुक्त ने कहा कि किसी व्यक्ति के भारत या विदेश में इलाज पर किसी व्यक्ति विशेष की ओर से किया जाने वाले खर्च का ब्योरा निजी जानकारी होती है। इसलिए इसका ब्योरा नहीं दिया जा सकता। गौर करने वाली बात यह है कि आयोग ने जो जानकारी दी है वह अगस्त 2011 से सितंबर 2011 के बीच की है जबकि मोदी ने कहा था कि 2009 से सोनिया गांधी की विदेश यात्राओं और इलाज पर सरकार ने 1880 करोड़ रूपए खर्च किए हैं।

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