नाग से नागिन का ऐसा 'इश्क', जिसने भी देखा नहीं कर सका आंखों पर यकीन
कैथल।
यह न तो किसी फिल्म की कहानी है और न ही कोई किस्सा। लेकिन जिस किसी ने इस अजीब दास्तान को सुना वही इसे देखने के लिए भागा चला आया। जहां मायावादी जमाने में आदमी ही आदमी का दुश्मन है, वहीं जानवरों व पशु पक्षियों में एक दूसरे के लिए स्नेह भरा हुआ है, जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण इस मामले में नजर आ रहा है।
पहली नजर में देखने पर लगता है कि दो सांप मरे पड़े हैं। नाग की लाश पर नागिन इस तरह चिपकी हुई कि उसके जिंदा रहने का एहसास नहीं हो रहा था। जब नाग को हिलाया गया तो नागिन ने गुस्से में अपना फन उठाया। इसके बाद वह नाग के चारों तरफ चक्कर लगा कर फिर उसी जगह आकर नाग के शरीर से लिपट गई। जब लोगों ने ये घटना देखा तो किताबों में पढ़ा व सुना अंधविश्वास फिर से जन्म लेने लगा।
शनिवार को रूपनगर के रहने वाले एक युवक ने बताया कि किसी ने नाग को मार कर वहां फेंक दिया था। उसने पास में ही गड्ढा खोद कर उसे दफनाने का सोची। अमित कुमार, रणधीर व नरेश कुमार ने बताया कि नवरात्रों में नाग के इस तरह पड़े रहने को अशुभ समझा जाता है। गड्ढा खोदने के बाद लाठी से जैसे ही वे मृतक नाग को उठाने लगे तो उन्हें उसकी देह से लिपटी नागिन का अहसास हुआ। नाग को हिलाने से उसने क्रोध में फन उठाया तो युवक पीछे हट गए।
एक्सपर्ट व्यू-॥नाग ऋतु क्रिया के समय गंध निकालते हैं। नागिन नाग से गंध मिलने के बाद उससे मेल करने के लिए नाग की खोज में चल पड़ती है। इसी बीच किसी ने नाग को मार दिया। जब वह उसके पास पहुंची तो प्रतिक्रिया का इंतजार करने लगी। नाग मर चुका है वह कोई हरकत नहीं करेगा। नागिन को जब गंध मिलनी बंद हो जाएगी तो वह अपने आप चली जाएगी। इस मौसम में नाग शीत निद्रा में जाने के प्रयास में होते है। आमतौर पर नाग वर्षा ऋतु में ही प्रजनन करते हैं। लेकिन कभी-कभी शीत ऋतु से पहले भी नाग क्रिया करते हैं।
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