राज्यसभा में सांसदों के बीच धक्का मुक्की 
नई दिल्ली।
भारी हंगामे के बीच राज्यसभा में बुधवार को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण के प्रावधान वाला संविधान संशोधन विधेयक पेश किया गया। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी.नारायणसामी ने बिल पेश किया। 
सामी जब बिल पेश कर रहे थे तब सपा सांसद हंगामा कर रहे थे। नरेश अग्रवाल की अगुवाई में जब सपा सांसद वैल की ओर बढ़ रहे थे तभी बसपा सांसद अवतार सिंह करीनपुरी ने रास्ता रोकने की कोशिश की। 
सिंह ने सपा सांसद नरेश अग्रवाल की बांह पकड़ ली। इससे गुस्साए अग्रवाल ने बसपा सांसद को धक्का दे दिया। इसके बाद दोनों पार्टियों के सांसदों के बीच हाथापाई की नौबत आ गई। अन्य पार्टियों के सांसदों की दखल के मामला शांत हुआ। इस बीच राज्यसभा के सभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। 
माया,मुलायम के बीच फंसी भाजपा
प्रमोशन में आरक्षण बिल को लेकर भाजपा मुश्किल में घिर गई है। कोयला घोटाले को लेकर प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग कर रही भाजपा ससंद नहीं चलने दे रही है। बसपा चाहती है कि भाजपा संसद में बिल का समर्थन करें। उधर सपा चाहती है कि भाजपा उनके रूख का समर्थन करे। सपा नेता रामगोपाल यादव ने मंगलवार को राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरूण जेटली को फोन कर उनसे समर्थन मांगा। सूत्रों के मुताबिक जेटली ने यादव को कोई भरोसा नहीं दिया है। 
कहीं लोकपाल बिल जैसा न हो जाए हाल
राज्यसभा में यूपीए के पास बहुमत नहीं है। यूपीए ने लोकपाल बिल को लोकसभा में पारित करा दिया था लेकिन राज्यसभा में बहुमत नहीं होने के कारण बिल पारित नहीं हो पाया। भाजपा ने इतने सारे संसोधन दे दिए कि बिल लटक गया और आज तक पास नहीं हो पाया। राज्यसभा में बिल पारित नहीं होने के कारण उसे सलेक्ट कमेटी के पास भेज दिया गया। अगर राज्यसभा में विपक्ष ने सहयोग नहीं किया तो प्रमोशन में आरक्षण के बिल का भी यह हाल हो सकता है। 
संसदीय कार्यमंत्री पवन कुमार बंसल ने कहा कि हम बिल पारित कराने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ हैं। हम सभी दलों से इसे पारित करने में मदद देने की अपील करते हैं। बंसल ने कहा कि सरकार ने भाजपा से इस विधेयक को पारित कराने के लिए मदद का अनुरोध किया है। कांग्रेस राज्यसभा में विधेयक के पक्ष में मतदान करने के लिए अपने सभी सांसदों को व्हीप जारी करेगी। राज्यसभा में पारित होने के बाद विधेयक को गुरूवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा। संसद द्वारा विधेयक के पारित होने के बाद अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों को सरकारी नौकरियों में प्रोन्नति में 22.5 फीसदी आरक्षण मिलेगा।

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