भगवान छुट्टी पर,जयपुर में मरीज की मौत
लिखित पर अड़े रेजिडेंट्स
सरकार और एसएमएस प्रशासन जहां यह मान कर चल रहा था कि वेतन संबंधी और पीजी परीक्षा प्रणाली संबंधी मांगों पर आश्वासन देने के बाद रेजिडेंट्स मान जाएंगे,तो इस बार उनकी सोच की हड़ताली डॉक्टरों ने लिखित में आश्वासन मांग कर हवा निकाल दी। हालांकि,अस्पताल में इलाज कराने आए मरीजों का कहना है कि रेजिडेंट्स के यह रवैया ब्लैकमेलिंग है।
आउटडोर में मरीजों की भीड़
आउटडोर में मरीज डॉक्टरों का इंतजार करते रहे। उन्हें न तो प्रेस्क्रिप्शन ही मिला और न ही डॉक्टर। सीनियर डॉक्टरों ने कुछ हद तक हालात संभालने की कोशिश की लेकिन व्यवस्थाएं चरमराई रहीं। सर्जरी वाले विभागों में करीब सभी बड़े ऑपरेशन टाले जा रहे हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने 9 मेडिकल अफसर भेजेे हैं, पर ये नाकाफी हैं।
दो बजे बाद भगवान मालिक
आउटडोर समय में तो जैसे-तैसे काम चल रहा है लेकिन ज्यादा खराब हाल आउटडोर समय के बाद होते हैं। दो बजे बाद वरिष्ठ चिकित्सक अपने घर चले जाते हैं और मरीजों की देखभाल के लिए कोई चिकित्सक नहीं होता है। ऎसे ही हालात आईसीयू में भी हैं।
6 मेडिकल कॉलेजों में व्यवस्था चरमराई
जयपुर: एसएमएस मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध अस्पतालों में 80 रूटीन ऑपरेशन टले।
बीकानेर: कई रूटीन ऑपरेशन टालने पड़े।
जोधपुर: आधे रूटीन ऑपरेशन टाले गए।
अजमेर: मरीजों की लंबी कतारें, इमरजेंसी ऑपरेशन ही हुए।
कोटा: माइक्रोबायोलोजी के 9 रेजीडेंट्स अवकाश पर नहीं गए।
उदयपुर: मरीज दिनभर परेशान होते रहे। यहां रूटीन ऑपरेशन टालने पड़े।
मांग मानी,डॉक्टर नहीं माने
चिकित्सा मंत्री ए.ए.खान व चिकित्सा शिक्षा सचिव मुकेश शर्मा के साथ रेजीडेंट्स के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता हुई। जिसमे रेजीडेंट्स की लगभग सभी मांगें मान ली गई। इसके बाद चिकित्सा मंत्री ने रेजीडेंट्स से काम पर वापस आने की अपील की। मगर रेजीडेंट्स काम पर नहीं लौटे। जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स के अध्यक्ष डॉ. प्रहलाद धाकड़ ने कहा कि सामूहिक अवकाश जारी रहेगा।
इन पर सहमति
सेवारत रेजीडेंट्स को निर्धारित प्रावधानों के अनुसार आधा वेतन अवकाशकाल का एवं आधे वेतन के बराबर की राशि स्टाइपेण्ड के रूप में प्राप्त होगी। इस तरह सेवारत रेजीडेंट्स को पूरे वेतन के बराबर राशि प्राप्त हो सकेगी। अवकाशकाल के आधे वेतन की राशि इनके बैंक खातों में एक सप्ताह में जमा हो जाएगी।
पीजी कोर्स मे पुरानी परीक्षा प्रणाली लागू रखने पर सहमति हो चुकी है। इस सहमति के अनुसार परीक्षा के लिए दो आंतरिक एवं दो बा±य परीक्षक होंगे।
जिला कलेक्टर उदयपुर को उदयपुर में गत दिनों रेजीडेंट्स के साथ हुई मारपीट की घटना की दोबारा जांच करवाने के निर्देश दिए जा चुके हैं।
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