कांग्रेसी सांसद से जुड़ी कंपनियों पर छापे 
नई दिल्ली। 
संसद के मानसून सत्र के खत्म होने से तीन दिन पहले सीबीआई ने कोयला आवंटन मामले में पांच कंपनियों के खिलाफ मामले दर्ज किए। ये कंपनियां हैं विन्नी आयरन एंड स्टील, नवभारत स्टील, जेएलडी यवतमाल,जेएएस इंफ्रास्ट्रक्चर एंड पॉवर तथा एएमआर आयरन एंड स्टील। सीबीआई ने इस संबंध में देशभर में छापे भी मारे। सीबीआई की मंगलवार को कोलकाता,पटना,हैदराबाद धनबाद,नागपुर तथा मुंबई सहित 10 शहरों में 30 जगहों पर छापेमारी जारी थी।
कोड़ा को भी मिली खान -
सूत्रों के अनुसार विन्नी आयरन एंड स्टील के मालिक हैं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा। नवभारत स्टील की प्रमोटर हैं वीके सिंह की पत्नी नीना सिंह। नीना ने छत्तीसगढ़ से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। वहीं कांग्रेस सांसद विजय दरडा का संबंध जेएलडी यवतमाल और जेएएस इंफ्रास्ट्रक्चर से है। 
विभिन्न मामले दर्ज -
ये मामले धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश रचने,कंपनी मालिकों व कोयला मंत्रालय तथा राज्य सरकारों के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ दर्ज किए गए हैं। 
प्लांट ही नहीं है और खान मिल गई - 
छत्तीसगढ़ की नवभारत कोल फील्ड लिमेटेड को स्पोंज आयरन प्रोजेक्ट के लिए मदनपुर नोर्थ ब्लॉक आवंटित किया गया था। लेकिन कंपनी ने इस बारे में खुलासा नहीं किया क्योंकि उसका राज्य में स्पोंज आयरन प्लांट ही नहीं है। वहीं कंपनी ने अपनी 74 प्रतिशत हिस्सेदारी नागपुर की सोलर एक्सप्लोसिव लिमिटेड को बेच दी।
संबंधों से मिलीं दो खानें -
सीबीआई का आरोप है कि विन्नी आयरन एंड स्टील को अपने संबंधों के कारण दो खदानें मिलीं। छत्तीसगढ़ की जेएलडी यवतमानको फतेहपुर इस्ट कोल ब्लॉक आवंटित हुआ।
26 आवेदकों को ही स्क्रीनिंग कमेटी ने बुलाया -
69 में से केवल 36 आवेदकों को ही स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा बुलाया गया। सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने उन वरिष्ठ नौकरशाहों से पूछताछ की है जो 2006 से 2009 के बीच कोयला आवंटन देख रहे थे।
सीबीआई ने की पूछताछ -
सीवीसी से रेफरेंस मिलने के तीन माह बाद सीबीआई ने प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की है। सीबीआई की टीम्स छत्तीसगढ़ तथा झारखंड गई तथा संबंधित कंपनियों के अधिकारियों से पूछताछ की। कोयला आवंटन में लाभान्वित होने वाली 10 कंपनियां सीबीआई की जांच घेरे में हैं। इन कंपनियों पर नियमों के उल्लंघन का आरोप है। 
कारण बताओ नोटिस जारी - 
शुरूआती जांच में सीबीआई को कोयला मंत्रालय ने बताया है कि अभी तक काम शुरू नहीं करने वाली कुछ फर्मो को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार कुछ कंपनियां जिन्हें 2005 में कोल ब्लॉक्स आवंटित किए गए थे,अभी तक काम नहीं शुरू कर पाई हैं।

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