जरूरतमन्दों को मिला जीवननिर्वाह का सुकून
- डॉ. दीपक आचार्य
जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी
बाड़मेर
सामुदायिक विकास एवं गरीबों तथा जरूरतमन्दों का उत्थान राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर है और यही कारण है कि राजस्थान प्रदेश सामाजिक सरोकारों के निर्वहन में पूरे देश में अग्रणी पहचान कायम कर चुका है।
आम आदमी से लेकर समुदाय तक के कल्याण की दिशा में सामाजिक सरोकारों के निर्वहन में राजस्थान सरकार बेमिसाल है जिसने जरूरतमंदों की हर सुख-सुविधा का ख्याल रखकर ढेरों योजनाओं और कार्यक्रमों का सूत्रपात किया है जो आज अनगिनत लोगों की तकदीर सँवार रहे हैं। सामाजिक सरोकारो से भरे दायित्वों की पूर्ति तथा इनके प्रति समर्पण का यह जज्बा अपूर्व होने के साथ ही आम आदमी के उत्थान की भागीदारी बहा रहा है।
प्रदेश में विकास की बहुआयामी योजनाओं और कार्यक्रमों के साथ ही सामाजिक सरोकारों पर खूब जोर दिया जा रहा है। सरकार की ढेरों योजनाएं हैं जिनकी वजह से अंधियारों से घिरे लोगों को नई जिन्दगी की रोशनी नसीब हुई है। इसके साथ ही आम आदमी के लिए जरूरी बुनियादी विकास की दृष्टि से भी बाड़मेर जिले में विभिन्न क्षेत्रों में ठोस प्रयास हो रहे हैं। बाड़मेर जिले में सामाजिक कल्याण और जरुरमंदों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने की योजनाओं व कार्यक्रमों में आशातीत उपलब्धियाँ हासिल की गई है।
पालनहार योजना में ऎसे निराश्रित बच्चे जिनके माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है तथा ऎसी विधवा महिलाओं के बच्चे जो कुष्ठ/एड्स के रोगी हाें, को शिक्षा ग्रहण करने हेतु राज्य सरकार द्वारा 675 रुपए मासिक अनुदान दिया जाता है तथा स्कूल ड्रेस व किताबों के लिए 2 हजार रुपए वार्षिक अनुदान दिया जाता है। बाड़मेर जिले में 2700 परिवारों को पालनहार योजना से लाभान्वित किया जा रहा है।
विवाह के लिए वित्तीय सहायता
गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को उनकी पुत्री के विवाह करने हेतु राज्य सरकार द्वारा 10, 15 एवं 20 हजार रुपए (शैक्षणिक योग्यतानुसार) की सहायता दी जाती है। विवाह पर राज्य सरकार द्वारा 25 हजार रुपए की राशि सहायतार्थ सुखद दाम्पत्य जीवन योजनान्तर्गत दी जाती है। इसी तरह विधवाओं की पुत्रियों के विवाह के लिए राज्य सरकार द्वारा दस हजार रुपए आर्थिक सहायता दी जाती है।
अंग उपकरण सहायता
जिले में विशेष योग्यजनों को अंग उपकरण, ट्राई साईकिल, बैसाखी, व्हील चेयर, श्रवणयंत्र,बेलस्ट्रीक आदि दी जा रही है। बाड़मेर जिले में अब तक एक हजार विशेष योग्यजनों को लाभान्वित किया जा चुका है।
नवजीवन योजना
ऎसे परिवार जो कि अवैध शराब बनाकर अपना जीवन यापन करते थे, उन परिवारों को अवैध शराब बनाने का पेशा छुड़वाकर स्वरोजगार हेतु प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है तथा उनकी बस्तियाेंं में नवजीवन योजनान्तर्गत सामुदायिक भवन, सड़क, बिजली, पानी आदि की व्यवस्था की जाती है। बाड़मेर जिले में अब तक 400 परिवारों को अवैध शराब बनाने का पेशा छुड़ाकर स्वरोजगार हेतु प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
लेबर रूम व चारदिवारियों का निर्माण
जिले के विभिन्न भागों में सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत लेबर रूम मय चारदिवारियों का निर्माण कराया गया है। दूरस्थ ग्रामीण इलाकाें में लेबर रूम के अभाव में गर्भवती महिलाआें को प्रसव सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाती थी। सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम में इस तरह के निर्माण होने से ग्रामीणाें को स्थानीय स्तर पर चिकित्सा सुविधाएं मुहैया होने लगी हैं।
स्वावलम्बन की डगर
उद्यमिता विकास एवं दक्षता आधारित उद्यमिता विकास के अन्तर्गत जिले के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को आधुनिकी तकनीकों पर आधारित 2 माह का रोजगारमुखी प्रशिक्षण दिया जाकर स्वालम्बी बनाया जा रहा है।
बुनकरों का विकास
हाथकरघा बुनकरों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिये रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए उनके बच्चों को शिक्षा के लिये छात्रवृत्ति, बुनकरों के स्वास्थ्य का बीमा व जिला स्तरीय क्राफ्ट प्रतियोगिताएं आयोजित कर बुनकरों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
स्व रोजगार के जरिये आत्मनिर्भरता
सरकारी नौकरियों में निर्भरता कम करने व स्वयं रोजगार की प्रवृत्ति विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में उद्यमी युवाओं को 25 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाकर आत्मनिर्भर होने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस वित्तीय वर्ष में बाड़मेर जिले को 182.86लाख रुपए का बजट आवंटन हुआ हैं जो राजस्थान में पिछड़े जिले को देखते हुए सर्वाधिक है।
रोशन हुई झोंपड़ियां
बाडमेर जिले में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनान्तर्गत बीपीएल परिवारों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन जारी कर गरीब की झोंपड़ी को रोशन करने का सरकार द्वारा महत्वाकांक्षी लक्ष्य हाथ में लिया गया है।
इस योजना में 647 डी-इलेक्टि्रफाईड गांवों एवं 1075 ढाणियों में 171 करोड़ रुपये की लागत से 60हजार 125 बीपीएल परिवारों के घरोें को विद्युत कनेक्शन देकर उनको अंधेरे से उजाले में लाने का प्रयास किया जा रहा है। अब तक 35 हजार 400 परिवार इस मिशन से लाभान्वित हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री सबके लिए विद्युतीकरण योजना
राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में 100 से कम आबादी वाली ढाणिया लाभाविन्त नहीं हो पाने की स्थिति को देखते हुए ऎसी 1 हजार 880 ढाणियों के 11 हजार 591 परिवारों को विद्युत से लाभाविन्त करने के लिये मुख्यमंत्री सबके लिए विद्युतीकरण योजना का सूत्रपात किया गया है। यह योजना काफी लोकप्रिय हो रही है तथा छोटी-छोटी ढाणियों में भी रोशनी पहुंचने लगी है।
बाड़मेर जिला कलक्टर डॉ. वीणा प्रधान मानती हैं कि निरन्तर बहुआयामी विकास की बदौलत बाड़मेर जिले का परिदृश्य अब काफी बदल चुका है तथा यहां विकास की जो तीव्रता बरकरार है, उसे देख कहा जा सकता है कि आने वाले कुछ वर्ष में ही बाड़मेर राजस्थान के विकास मानचित्र पर अग्रणी होगा।

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