6 महीने में सीएम पद से हटेंगे चव्हाण! 

मुंबई। अजीत पवार के उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद महाराष्ट्र में पैदा हुआ राजनीतिक संकट बरकरार है। एक निजी चैनल के मुताबिक एनसीपी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को हटाने की मांग की है। हालांकि कांग्रेस इसके लिए तैयार नहीं है। चैनल ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि चव्हाण को अगल 6 महीने में मुख्यमंत्री पद से हटाया जा सकता है। 

पवार के समर्थन में नारेबाजी

उधर अजीत पवार पर इस्तीफा वापस लेने का दबाव बढ़ता जा रहा है। एनसीपी के विधायक दल की बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया है कि पवार को इस्तीफा वापस लेना चाहिए। प्रस्ताव एनसीपी सुप्रीमो के पास भेज दिया गया है। शुक्रवार को पवार अंतिम फैसला लेंगे। एनसीपी के नेता छगन भुजबल भी बैठक में पहुंचे,जहां पवार के समर्थन विधायक नारेबाजी कर रहे थे। 

कथित सिंचाई घोटाले में लिप्तता के आरोपों का सामना कर रहे अजित पवार ने मंगलवार को उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि चव्हाण ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। आरोप है कि पवार जब सिंचाई मंत्री थे तब उन्होंने सिंचाई परियोजना के लिए कांट्रेक्ट देने में अनियमिमता बरती थी। पवार ने जल्दबाजी में 32 परियोजनाओं को मंजूरी दी थी। 

बेदाग साबित होने के बाद संभालेंगे पद

महाराष्ट्र सरकार में एनसीपी के मंत्री भी अजीत पवार के साथ हैं। इनका कहना है कि पवार कथित सिंचाई घोटाले में बेदाग साबित होंगे और फिर से अपना पद संभालेंगे। इस बीच एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा है कि पार्टी को अब उप मुख्यमंत्री पद की कोई जरूरत नहीं है। अजीत पवार ने अपने चाचा और एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की सहमति के बाद ये फैसला लिया है। पटेल ने भी पवार का समर्थन करते हुए कहा कि वह बेदाग साबित होंगे और फिर से पद संभालेंगे। 

निर्दलियों ने बढ़ाया चव्हाण का सिरदर्द

इससे पहले सरकार का समर्थन कर रहे 27 निर्दलीयों में से 12 ने अजीत पवार का साथ देने का फैसला किया है। निर्दलीय विधायकों ने धमकी दी है कि अगर अजीत पवार उनके नेता नहीं रहेंगे तो वे भी सरकार का साथ नहीं देंगे। पुणे से विधायक विलास लांडे ने कहा है कि अगर अजीत पवार सरकार में रहते हैं तो ही उनका समर्थन सरकार को जारी रहेगा। 

एक धड़ा बाहर से समर्थन देने के पक्ष में

लांडे ने दावा किया कि कई अन्य निर्दलीय विधायक भी अजीत पवार के साथ हैं। अगर अजीत पवार को विधायक दल के नेता पद से हटाया जाता है तो हम समर्थन वापस ले लेंगे। सूत्रों के मुताबिक एनसीपी का एक धड़ा चाहता है कि पार्टी को महाराष्ट्र सरकार से अगल हो जाना चाहिए और बाहर से समर्थन देना चाहिए। 

यह है महाराष्ट्र में विधानसभा की स्थिति

288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में एनसीपी के 62 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के 82 विधायक हैं। 27 निर्दलीय विधायक सरकार को समर्थन दे रहे हैं। सरकार को बहुमत के लिए 145 विधायकों का समर्थन चाहिए। कांग्रेस,एनसीपी और निर्दलयी विधायकों को मिलाकर कुल 171 विधायक होते हैं। अगर एनसीपी सरकार से बाहर आ जाती है और निर्दलीय भी समर्थन वापस ले लेते हैं तो सरकार संकट में आ जाएगी। शिवसेना के 45 और भाजपा के 47 विधायक हैं।

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