"1993 से ही क्यों 1947 से हो जांच" 
नई दिल्ली।
सीवीसी के एनडीए सरकार के दौरान आवंटित कोल ब्लॉक की जांच कराने के आदेश से भाजपा आग बबूला हो गई है। भाजपा यह बात नहीं पचा पा रही है कि 1993 से आवंटित कोल ब्लॉक की जांच क्यों कराई जा रही है। भाजपा अब न्यायापालिका पर भी हमला करने से नहीं चूक रही है। 
गौरतलब है कि कोयला मंत्रालय ने सीवीसी को पत्र लिखकर एनडीए सरकार के दौरान आवंटित कोल ब्लॉक की जांच कराने की मांग की थी। कोयला मंत्रालय के पत्र पर कार्रवाई करते हुए सीवीसी ने सीबीआई को 1993 से आवंटित कोल ब्लॉक की जांच कराने का आदेश दिया। इससे पहले भाजपा के प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने सीवीसी को पत्र लिखकर यूपीए सरकार के शासन में आवंटित कोल ब्लॉक की जांच कराने की मांग की थी। तब भी सीवीसी ने सीबीआई से मामले की जांच करने को कहा था। 

जब सीवीसी ने भाजपा की मांग पर कार्रवाई की तो वह खुश थी लेकिन सीवीसी का हालिया आदेश उसे रास नहीं आ रहा है। भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा है कि सरकार न्यायपालिका और सीबीआई की दुरूपयोग कर रही है। गडकरी ने कहा कि पार्टी किसी भी जांच को तैयार है। उन्होंने कांग्रेस को चुनौती दी कि वह 1947 से आवंटित कोल ब्लॉक की जांच करा ले। 

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी के पास छुपाने के लिए कुछ भी नहीं है लेकिन सरकार विपक्ष को जबरन विवाद में घसीटना चाह रही है। गडकरी ने तृणमूल कांग्रेस की चीफ ममता बनर्जी की उस टिप्पणी का समर्थन किया जिसमें न्यायपालिका की स्वतंत्रता की बात कही गई है। गडकरी ने ममता से एक कदम आगे बढ़ते हुए कहा कि न्यायपालिका का दुरूपयोग किया जा रहा है। स्वतंत्र न्यायपालिका की तुरंत जरूरत है।

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