भंवरी कांड: पहली गैंग ने ही गला घोंटकर कर दिया था काम तमाम
जोधपुर.
एएनएम भंवरी के अपहरण व हत्या के मामले में सीबीआई ने बुधवार को चार्ज बहस आगे बढ़ाते हुए अदालत को बताया कि वारदात के दिन एक सितंबर 2011 को आरोपी सहीराम विश्नोई मोबाइल फोन पर अन्य आरोपियों को तत्कालीन जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा के जयपुर स्थित निवास और उसके आसपास से निर्देश दे रहा था। इन्हीं निर्देशों के अनुसार अन्य आरोपियों ने बिलाड़ा, खेजड़ला, नेवरा रोड व राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल इलाके में वारदात को अंजाम दिया। सीबीआई की ओर से चार्ज बहस बुधवार को भी अधूरी रही। अगली सुनवाई अब सात अगस्त को होगी।
अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण मामलात की विशेष अदालत के न्यायाधीश गिरीश कुमार शर्मा के समक्ष सीबीआई के वरिष्ठ लोक अभियोजक एसएस यादव व विशेष लोक अभियोजक अशोक जोशी ने बहस को आगे बढ़ाते हुए बताया कि एक सितंबर 2011 की शाम चार बजे सोहनलाल विश्नोई ने भंवरी को बिलाड़ा से स्विफ्ट कार में अपने साथ ले लिया था। योजना के अनुसार भंवरी को अटपड़ा रोड व बरना गांव के आसपास बिशनाराम की गैंग को सुपुर्द करना था, लेकिन सोहन के साथ शहाबुद्दीन व बलदेव को देखने के बाद बिशनाराम की गैंग ने भंवरी को नहीं उठाने का फैसला कर लिया और वे सोजत रोड से जोधपुर होते हुए ओसियां पहुंच गए।
पहली गैंग ने ही कर दिया काम तमाम
तफ्तीश में सामने आया कि बिशनाराम की गैंग जब भंवरी को लिए बिना ही आगे चली गई तो सोहनलाल, शहाबुद्दीन व बलदेव इसके बाद करीब साढ़े तीन घंटे तक भंवरी को लेकर अटपड़ा रोड, बरना व खेजड़ला के आसपास गाड़ी में घूमते रहे। भंवरी को मदेरणा की सीडी के बदले रुपए देने के बहाने बुलाया गया था। इस दौरान रुपए नहीं मिलने पर भंवरी ने अपने घर छोडऩे की जिद की और आखिर में उसने चलती गाड़ी से कूदने का प्रयास भी किया। इसी दौरान सोहनलाल, शहाबुद्दीन व बलदेव तीनों ने मिलकर भंवरी को गाड़ी की सीटों के बीच में फंसा दिया था व गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। बिशनाराम की गैंग ने अपने 164 सीआरपीसी के बयानों में बताया कि उन्हें भंवरी मृत अवस्था में नेवरा रोड पर सुपुर्द की गई थी।
अवशेषों को बहा दिया नहर में
सीबीआई का कहना था कि बिशनाराम, कैलाश जाखड़, ओमप्रकाश व अशोक विश्नोई ने भंवरी को जलाने के बाद बेसबॉल के बैट से उसकी हड्डियों के छोटे-छोटे टुकड़े कर दिए व उन्हें पास में बह रही राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल में डाल दिया था। इसके दूसरे दिन बिशनाराम ने भंवरी के शव के निस्तारण की सूचना सहीराम को दी। सहीराम ने मदेरणा को बताया। इसी प्रकार सहीराम ने इसकी जानकारी सोहनलाल को भी दी। इसके बाद मलखान की बहन इंद्रा विश्नोई, भाई परसराम व मां अमरी देवी को भी इसकी जानकारी दी गई।
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