टस से मस नहीं हुई सरकार, अब शाम को 'क्रांति' का ऐलान करेंगे रामदेव
नई दिल्ली.
सरकार ने अब तक इस आंदोलन की अनदेखी ही की है। इसके बाद शनिवार को बाबा ने नेताओं से समर्थन मांगा। रामलीला मैदान के मंच से शनिवार को उन्होंने कहा कि यूपीए के घटक दल उनके अभियान को समर्थन दें। उन्होंने कहा कि एनडीए के दल भी अपनी स्थिति साफ करें। बाबा ने दावा किया कि उनकी मांगों के समर्थन में सवा दो सौ से ज्यादा सांसदों का लिखा पत्र उनके पास है। रामदेव का कहना है कि अगर विदेशों में जमा भारतीयों का काला धन वापस आ जाए तो भारतीय सेना चीन और अमेरिका की सेना से अधिक शक्तिशाली बन सकती है। अपने राजनीतिक एजेंडे के मुद्दे पर उन्होंने कहा, 'कई लोग कहते हैं कि मेरा कोई एजेंडा नहीं है। मेरा एजेंडा है और वो केवल देश को बचाना है। अब देश की जनता सरकार और सभी राजनीतिक पार्टियों से उनका एजेंडा पूछेगी।'केंद्र सरकार ने स्वीकार किया है कि देश में 49 हजार 325 करोड़ रुपए की अघोषित आय पिछले तीन साल में चिह्नित की गई है। जबकि विदेशों से मिली सूचना के आधार पर 600 करोड़ रुपए की कर चोरी का पता चला है। सरकार ने दावा किया है कि यह तथ्य कालेधन के खिलाफ सरकार के बहुउद्देश्यीय प्रयासों के चलते सामने आए हैं। गौरतलब है कि 'दैनिक भास्कर' ने सबसे पहले देश के भीतर और विदेशों में कालेधन के रूप में संदिग्ध धन स्थानांतरण और संपत्ति के मामलों को उजागर किया था। भास्कर की रिपोर्ट के जरिए पहली कालेधन के आंकड़ों से जुड़ी प्रामाणिक सूचनाएं पब्लिक डोमेन में आई थीं। बाबा ने यह दावा भी किया कि उनके पास सवा लाख ग्रामसभाओं के समर्थन पत्र भी मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि इन समर्थन पत्रों के साथ राष्ट्रपति से मांग की जाएगी कि वह सरकार को काला धन वापस लाने के लिए कार्रवाई करने का आदेश दें। बाबा ने यह भी कहा कि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो 'क्रांति' होगी। लेकिन क्रांति क्या होगी, कैसे होगी, इस बारे में उन्होंने कुछ नहीं कहा। उम्मीद है, वह शाम को इस बारे में कोई घोषणा करेंगे। बाबा ने शुक्रवार को कहा था कि कोई 'निर्णायक फैसला' होने से पहले वह रामलीला मैदान से नहीं हटेंगे। शनिवार को उन्होंने कहा कि सरकार अपने दफ्तर से ही उनकी मांगों के बारे में जरूरी ऐलान कर दे, उतना ही उनके लिए काफी होगा। रामदेव ने कहा था कि देश को ईमानदार प्रधानमंत्री की जरूरत है। विदेशों में जमा काला धन वापस लाने के लिए प्रधानमंत्री को राजनीतिक सच्चाई और इच्छाशक्ति दिखानी होगी। उन्होंने कहा, 'सरकार के पास उन लोगों के नाम हैं जिन्होंने विदेशों में काला धन जमा कर रखा है। हमें उन लोगों के नाम नहीं जानने। लेकिन सरकार को वह राशि बताने में क्या हर्ज है।' बाबा रामदेव के आंदोलन को सरकार ने एक तरह से अनसुना-अनदेखा कर दिया है। इसे देखते हुए बाबा के तेवर भी ज्यादा कड़े दिखाई नहीं दे रहे हैं। रामदेव का कहना है कि अगर विदेशों में जमा भारतीयों का काला धन वापस आ जाए तो भारतीय सेना चीन और अमेरिका की सेना से अधिक शक्तिशाली बन सकती है। अपने राजनीतिक एजेंडे के मुद्दे पर उन्होंने कहा, 'कई लोग कहते हैं कि मेरा कोई एजेंडा नहीं है। मेरा एजेंडा है और वो केवल देश को बचाना है। अब देश की जनता सरकार और सभी राजनीतिक पार्टियों से उनका एजेंडा पूछेगी।' केंद्र सरकार ने स्वीकार किया है कि देश में 49 हजार 325 करोड़ रुपए की अघोषित आय पिछले तीन साल में चिह्नित की गई है। जबकि विदेशों से मिली सूचना के आधार पर 600 करोड़ रुपए की कर चोरी का पता चला है। सरकार ने दावा किया है कि यह तथ्य कालेधन के खिलाफ सरकार के बहुउद्देश्यीय प्रयासों के चलते सामने आए हैं। गौरतलब है कि 'दैनिक भास्कर' ने सबसे पहले देश के भीतर और विदेशों में कालेधन के रूप में संदिग्ध धन स्थानांतरण और संपत्ति के मामलों को उजागर किया था। भास्कर की रिपोर्ट के जरिए पहली कालेधन के आंकड़ों से जुड़ी प्रामाणिक सूचनाएं पब्लिक डोमेन में आई थीं।
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