तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती की अंतिम सूची पर रोक
जयपुर
राज्य सरकार ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा प्रथम लेवल की अंतिम चयन सूची घोषित करने पर रोक लगा दी है। पंचायती राज विभाग ने सभी जिला परिषदों से16 जुलाई को होने वाली स्थापना समिति की बैठक स्थगित करने को कहा है। इन बैठकों में अंतिम सूची पर मोहर लगाई जानी थी। पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सी.एस.राजन के अनुसार हाईकोर्ट ने कुछ मामलों में स्थगनादेश दे रखा है वहीं एक फैसले से चयन सूची प्रभावित हो सकती है इसलिए अगले आदेश तक अंतिम सूची के अनुमोदन पर रोक लगाई गई है।इसलिए बुलाई थी बैठक
वरीयतानुसार श्रेणीवार दोगुने अभ्यर्थियों से 13 जुलाई तक सत्यापन के लिए दस्तावेज मांगे गए थे। इनमें से पात्र अभ्यर्थियों का वरीयता के हिसाब से चयन करने के लिए जिला परिषदों की स्थापना समिति की बैठकें आहूत की गईं थी।
यह भी गड़बडियां
वैसे शिक्षक भर्ती परीक्षा में कई तरह की गड़बडियां भी सामने आई हैं। ताजा प्रकरण जोधपुर जिला परिषद का है जिसने एक ऎसे अभ्यर्थी को उत्तीर्ण कर दस्तावेजों के सत्यापन के लिए बुला लिया जिसने वहां से परीक्षा ही नहीं दी थी।
अदालत का आदेश
हाईकोर्ट ने 5 जुलाई को प्रेरणा जोशी के मामले में आरटेट में आरक्षित वर्ग के 60 फीसदी से कम अंक लाने वाले अभ्यर्थियों को भर्तीं में सामान्य वर्ग में नियुक्ति देने पर रोक लगा दी। जोशी की ओर से कोर्ट में कहा गया कि सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी आरटेट में 60 फीसदी अंक होने पर ही पात्र माने हैं, जबकि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी आरटेट में 50 फीसदी अंक लाने के बाद ही पात्र मान लिए गए हैं। ऎसे में आरक्षण का लाभ लेने वालों को भर्ती में सामान्य वर्ग में नियुक्ति नहीं दी जाए।
महिला व निशक्तों को पसंद की पोस्टिंग!
जयपुर . तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में चयनित महिला और निशक्त अभ्यर्थियों को मनपसंद जगह पदस्थापन मिल सकता है। पहले पदस्थापन में परित्यक्ता व एकल महिलाओं को भी प्राथमिकता मिल सकती है। इन अभ्यर्थियों को जिला परिषदों को विकल्प बताना होगा। शिक्षा मंत्री बृजकिशोर शर्मा और पंचायती राज मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीय ने शनिवार को तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में सफल अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए प्रस्तावित नीति पर चर्चा की।
पूर्व में यह बैठक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में होनी थी, लेकिन उन्होंने शर्मा व मालवीय को मसौदे के लिए अघिकृत कर दिया। दोनों मंत्रियों ने जिला परिषदों के जरिए हो रही नियुक्ति में पदस्थापन कैसे दिया जाए, इस पर विचार किया और विभाग की ओर से तैयार मसौदे को अंतिम रूप दिया। नीति मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद ही लागू होगी। बैठक में मुख्य सचिव सी.के.मैथ्यू व पंचायती राज विभाग के एसीएस सी.एस.राजन भी शामिल हुए।
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