शुक्रगुजार तहेदिल से तत्कालीन जिला कलक्टर नीरज के  पवन का 

पाली, 17 जुलाई। नन्हें दिलीप के  लिए अब दुनिया अंधियारी नहीं बल्कि रंग-बिरंगी और जिज्ञासाओं से भरी है। दिलीप की आंखों के  ऑपरेशन के  बाद अब वह दोनों आंखों से दुनिया को देखने लगा है।
यह दो वर्षीय वही दिलीप है जिसकी दृष्टिहीनता के  कारण टूट चुके  उसे परिजन आखिरी उम्मीद के  तौर पर पिछले दिनों जिला कलक्टर नीरज के पवन से मिले थे और अपनी व्यथा बताई थी। पाली के  मेंहदी वाला जाव में रहने वाले धर्माराम व इन्द्रावती ने अपने इस आंखों के  तारे को अंधियारी दुनिया से बाहर लाने की गुहार जिला कलक्टर नीरज के पवन से की थी। इस मजदूर दम्पती ने अपनी तंगहाली का हवाला देकर बच्चें के  उपचार कराने में असमर्थता जताई तो जिला कलक्टर ने उन्हें तुरन्त ही समस्या समाधान का भरोसा देकर बड़ा सम्बल प्रदान किया। कलक्टर पवन ने तुरन्त ही संबंधित डॉक्टर का पता लगाकर उनसे बात की और ऑपरेशन व उपचार का पूरा खर्चा जिला प्रशासन द्वारा वहन करने का आश्वासन देकर दिलीप के  अभिभावकों की हताशा काफी हद तक कम कर दी। 
इसे बाद बिना समय गंवाए दिलीप की उपचार प्रकि्रया शुरू हो गई और वह दिन आ गया जब दिलीप का ऑपरेशन हुआ। हाल ही जोधपुर में दिलीप की आंखों का ऑपरेशन कराया गया। सफल ऑपरेशन के  बाद दिलीप अब दुनिया को बड़े ही कौतुहल के  साथ निहारता है। आंखों के  तारे की आंखें जीवन्त हो गई तो उसे अभिभावकों की आंखों में भी नई रोशनी आ गई और जीवन में नया उजाला। दिलीप के  अभिभावक जिला कलक्टर नीरज के  पवन के  इस अनुपम उपहार को पाकर अभिभूत हैं।

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