प्रणब लाभ के दो और पदों पर काबिज ! 
नई दिल्ली। 
एनडीए समर्थित राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पीएम संगमा ने एक बार फिर यूपीएम के राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी प्रणब मुखर्जी को घेरा है। संगमा का कहना है कि प्रणब अब भी लाभ के दो पदों पर अब भी काबिज हैं। इस बार संगमा के प्रतिनिधियों ने बाकायदा चुनाव आयोग के समक्ष आपत्ति दर्ज कराकर हस्तक्षेप की मांग की है। इससे पहले भी प्रणब पर लाभ के पद पर रहते हुए राष्ट्रपति पद का नामांकन भरने को लेकर संगमा की आपत्ति राष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचन अधिकारी ने खारिज कर दी थी। शनिवार को संगमा की ओर से तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है। आयोग ने उन्हें लिखित रूप में सोमवार शाम तक दलील पेश करने का वक्त दिया है। प्रतिनिधि मंडल में जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम वामी, संगमा के वकील सत्यपाल जैन और उनके चुनाव एजेंट भतृüहरि महताब भी शामिल थे।
दो संस्थाओं में अब भी काबिज
नई आपत्तियों के बारे में जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने दावा किया कि प्रणब बीरभूमि इंजीनियरिंग एवं टेक्नालाजी संस्थान के उपाध्यक्ष और रवीन्द्र भारती सोसायटी के अध्यक्ष के तौर पर लाभ के दो पदों पर अब भी काबिज हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने चीफ इलेक्शन कमिश्नर (सीईसी) वीएस संपत से मुलाकात की और इस बारे में उन्हें बताया। 
आयोग से हस्तक्षेप की मांग
स्वामी ने कहा कि यहां धोखाधड़ी का मुद्दा है। चुनाव आयोग को यह फैसला करने दीजिए कि नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया में कोई धोखाधड़ी हुई है या नहीं। चुनाव आयोग को अंतिम फैसला करने दीजिए। आयोग के समक्ष भारतीय सांख्यिकीय संस्थान (आईएसआई) से मुखर्जी के इस्तीफे पर उनके हस्ताक्षर मामला भी संज्ञान में लाया गया। स्वामी ने कहा कि नियमों के मुताबिक चुनाव आयोग के पास हस्तक्षेप करने की शक्ति है क्योंकि चुनाव प्रक्रिया जारी है। 
निर्वाचन अधिकारी पर उठाए सवाल
महताब ने कहा कि आयोग को बताया गया कि निर्वाचन अधिकारी ने उस आदमी की मदद की जिनके खिलाफ फर्जीवाड़े के आरोप लगाए गए हैं। आईएसआई द्वारा प्रणब मुखर्जी का इस्तीफा उचित तरीके से स्वीकार नहीं किया गया। इस बारे में निर्वाचन अधिकारी को अवगत कराया गया लेकिन निर्वाचन अधिकारी ने यह कहते हुए आपत्तियां खारिज कर दी कि इन पर फैसला बाकी उचित फोरम से दिया जा सकता है, लेकिन उन्होंने उन फरम का नाम नहीं बताया।

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