गोगोई ने भी किया लड़की को बदनाम 
गुवाहाटी।
असम के गुवाहाटी में सरे राह लड़की से हुई बदसलूकी के मामले में उस वक्त नया मोड़ आ गया जब मुख्यमंत्री कार्यालय ने पीडिता का नाम उजागर कर दिया। मीडिया को जारी प्रेस नोट में पीडिता का तीन बार नाम लिया गया है। यही नहीं पीडिता के तीन फोटो भी जारी कर दिए हैं। जब मुख्यमंत्री कार्यालय को अपनी गलती का अहसास हुआ तो उसने मीडिया से इसको नजरअंदाल करने को कहा। इससे पहले महिला आयोग की टीम की सदस्य अलका लांबा ने पीडिता का नाम लिया था। इसके चलते उनकी महिला आयोग से छुट्टी कर दी गई थी। भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने आरोप लगाया था कि पीडिता के नाम का खुलासा कर अलका ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन किया है। हालांकि लांबा का कहना है कि पीडिता का नाम छह-सात दिन से सबकी जानकारी में था इसलिए उन्होंने कोई गलती नहीं की। 
मुख्य आरोपी की लोकेशन ट्रेस
मामले को लेकर गुवाहाटी के एसएसपी अपूर्व जीवन बरूआ का ट्रांसफर कर दिया गया है। इस बीच पता चला है कि घटना का मुख्य आरोपी भुवनेश्व में है। यह बात खुद असम के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने कही है। 
सोमवार को असम विधानसभा के बाहर गोगोई ने पत्रकारों से कहा कि मुख्य आरोपी अमरज्योति कालिता के मोबाइल फोन की ट्रैकिंग से उसके भुवनेश्वर में मौजूद होने का पता चला है। हमारी पुलिस ओडिशा पुलिस से संपर्क में है और जल्द उसके पकड़े जाने की उम्मीद है। पुलिस ने कालिता को पकड़वाने वाले को एक लाख रूपये की नकद मदद का ऎलान किया है। अभी तक 12 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं जबकि 8 आरोपी फरार हैं। 
लड़की के लिए मुआवजे की गुहार
एक 82 साल के बुजुर्ग ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर छेड़छाड़ की शिकार लड़की को मुआवजा दिए जाने की गुहार लगाई है। मध्य प्रदेश के रहने वाले याचिकाकर्ता ने अर्जी में कहा है कि लड़की को 27 लाख रूपये मुआवजा दिलवाया जाए। इस मामले में असम सरकार पर सवाल उठाया गया और कहा गया कि सरकार संविधान के तहत काम करने में नाकाम रही है।

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