पार्टी ने दी विधायकों को लक्जरी कारें !
लखनऊ। 
प्रदेश भले ही आर्थिक संकट से जूझ रहा हो लेकिन विधायक खरीद सकेंगे 20 लाख रूपए तक की लक्जरी कार। यह नायाब तोहफा साइकिल चुनाव चिन्ह वाली पार्टी के दम पर मुख्यमंत्री बने अखिलेश ने प्रदेश के सभी विधायकों को दिया है। मंगलवार को विधानसभा सत्र के अंतिम दिन उन्होंने सभी एमएलए को अपने विधायक कोष से 20 लाख रूपए तक की कार खरीदने पर खर्च करने की छूट दे दी है। इतना ही नहीं बल्कि विधायक पांच साल बाद कार को तब के बाजार मूल्य के आधार पर अपने नाम भी करा सकेंगे।
मालूम हो कि हर विधायक को विधायक कोष के तहत दो करोड़ रूपए मिलते हैं। इस कोष के जरिए वे अपने विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्य करवा सकते हैं। आमतौर पर सड़क, नाली, बिजली, पानी पर यह कोष खर्च किया जाता रहा है। लेकिन अब कोष से जनता पर खर्च किए जाने वाली दो करोड़ रूपए राशि में सें से हर एमएलए 20 लाख रूपए सिर्फ कार खरीद पर ही लुटा देंगे। प्रदेश में कुल 403 विधायक है, ऎसे में यदि हर विधायक कार खरीद लेता है तो सरकारी खजाने से 80 करोड़ रूपए से भी ज्यादा राशि विकास की बजाय कार खरीदी पर ही खर्च हो जाएगी।
भाजपा विधायक नहीं खरीदेंगे कार
उधर, भाजपा ने अखिलेश के इस फैसले का विरोध करते हुए है कि जनता पर खर्च किए जाने वाली राशि में से विधायकों को अपनी सुविधा पर खर्च करने का हक नहीं मिलना चाहिए। भाजपा का कोई विधायक अपने विधायक कोष की राशि में से कार की खरीद नहीं करेगा। सरकारी खजाने में जनता का पैसा होता है, इसे एमएलए खुद पर कैसे खर्च कर सकते हैं। बसपा सांसद विजय बहादुर ने भी सपा सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताई है।
कांग्रेस बोली, अलग हो फंड
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने भी क्षेत्र विकास निधि के पैसे से विधायकों को गाड़ी खरीदने की अनुमति दिए जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि ऎसा करने से जनता के बीच गलत संदेश जाएगा। तिवारी ने कहा कि विधायकों को जो क्षेत्र विकास निधि मिलती है, वह क्षेत्र के विकास के लिए होती है। यदि सरकार को ऎसा लगता है कि विधायकों को वाहन की व्यवस्था की जानी चाहिए तो इसके लिए अलग से व्यवस्था की जाए।

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