सरकारों ने पैदा किये फर्जी महिला खिलाड़ी 

FACTS: सरकार का था हुक्म, बेटा बनो लड़की, जीतो मेडल, नहीं तो...महिला एथलीट पिंकी प्रमाणिक पर पुरुष होने और बलात्कार करने के आरोप लगे हैं। हालांकि, इस बात की अभी तक पुष्टि नहीं हो सकी है कि पिंकी स्त्री हैं या पुरुष, फिर भी इस खबर ने खेल जगत को हैरत में डाल दिया है। पिंकी प्रमाणिक से पहले भी कई एथलीटों पर लिंग के आरोप लग चुके हैं। कुछ के अंदर जेनेटिक दोष पाए गए, तो कुछ वाकई में धोखेबाज निकले। आइए एक नजर डालते हैं दुनियाभर में सामने आए ऐसे पांच प्रकरणों पर स्टेला वाल्श (पोलैंड) - स्टेला का नाम 1930 के दशक के बेहतरीन एथलीटों में शुमार था। वाल्श ने अपने करियर में 100 से अधिक नेशनल और वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए। इसमें 1932 लॉस एंजलिस ओलिंपिक का गोल्ड मेडल और 1936 बर्लिन गेम्स में जीता रजत पदक शामिल है। 1980 में स्टेला की एक लूट के दौरान दुर्भाग्यपूर्ण हत्या हो गई। जब उनका पोस्टमॉर्टम करवाया गया तो यह बात सामने आई कि उनके अंदर पुरुष जननांग थे। दरअसल, स्टेला एक जेनेटिक बीमारी का शिकार थीं।ईवा क्लोबुकोवस्का (पोलैंड) - धावक ईवा ने 1964 टोकयो ओलिंपिक में दो पदक जीतने का गौरव हासिल किया था। 1965 में ईवा ने 100 मीटर दौड़ का वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़कर अपना जलवा दिखाया। 1965 में हुए एक लिंग परीक्षण के बाद यह बात सामने आई कि वो महिला नहीं पुरुष थीं। इसके बाद उन पर प्रतिबंध लगा दिया गया।

हरमन डोरा रतजेन (जर्मनी) - एथलेटिक्स इतिहास के सबसे फर्जी एथलीट थे हरमन। यह जर्मन एथलीट खुद को महिला दिखाने के लिए स्पर्धा में हिस्सा लेते समय अपने जननांगों को कसकर बांध लेता था। 1936 बर्लिन ओलिंपिक में इसी प्रकार इसने वुमेन हाई जंप में हिस्सा लिया। हरमन स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहे। इसके दो साल बाद यूरोपियन चैंपियनशिप्स में उन्होंने नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। लेकिन यहां उनकी पोल खुल गई। दरअसल दो प्रशंसकों ने उनकी दाढ़ी देख ली थी। इसके बाद उन्होंने कभी किसी एथलेटिक्स प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया। 1957 में रतजेन ने खुद इस बात को स्वीकार किया कि वो महिला नहीं पुरुष हैं। नाजी शासन ने उन्हें ऐसा करने को मजबूर किया था। तमारा और इरीना प्रेस (सोवियत संघ) - प्रेस बहनों ने पांच ट्रैक और फील्ड ओलिंपिक स्वर्ण पदक जीते। 1960 के दशक में इन बहनों ने 26 वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए। लेकिन उनके पूरे करियर में उनका लिंग चर्चा का विषय बना रहा। 1966 में जब उन्हें लिंग परीक्षण के लिए कहा गया तो दोनों बहनें गायब हो गईं। इसके बाद से इनकी कोई खबर नहीं।रेनी रिचर्ड्स (अमेरिका) - इन जनाब का जन्म रिचर्ड रसकिंड के रूप में हुआ था। याले यूनिवर्सिटी की पुरुष टेनिस टीम के कप्तान रहे रिचर्ड्स ने 1975 में अपना लिंग परिवर्तन ऑपरेशन करवाया। इसके बाद उन्होंने महिला टेनिस में हिस्सा लिया। लेकिन यूएस ओपन के नियमों के अंतरगत उन्हें टूर्नामेंट में नहीं खेलने दिया गया।

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