ममता-मुलायम का बाउंसर,प्रणव चित्त 
नई दिल्ली। 
राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के चयन को लेकर सोनिया गांधी की तरफ से की जा रही कवायद पर टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी और सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने ग्रहण लगा दिया। दोनों ने साफ-साफ कह दिया कि हमने तीन नामों पर विचार किया। जिनमें पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी के नाम पर चर्चा की है। हमारी नजर में ये तीनों नाम ऎसे है जिन पर देश भरोसा कर सकता है। तीन नए नाम सुझा कर ममता-मुलायम कांग्रेस की तरफ से सुझाए गए प्रणव मुखर्जी और हामिद अंसारी के नामों को खारिज कर दिया।
ममता-मुलायम की मुलाकात सोनिया पर पड़ी भारी
इससे पहले सोनिया गांधी के बुलावे पर दिल्ली आई तृणमूल कांग्रेस प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार शाम उनसे मुलाकात की। आधा घंटे तक मंथन चला, लेकिन इस मुलाकात का कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया। दस जनपथ से बाहर निकते ही ममता कुछ कहने की स्थिति में नहीं थीं। उन्होंने बस इतना ही कहा कि वे फिर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह से मुलाकात करेंगी इसके बाद ही राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के बारे में स्थिति साफ हो पाएगी। 
मुलायम सिंह से बातचीत के बाद ममता ने साफ कहा कि इस देश मे जिसका सम्मान हो, इज्जत हो तथा संविधान की समझ हो ऎसा उम्मीदवार ही राष्ट्रपति के लिए होना चाहिए। हमने एपीजे अब्दुल कलाम, मनमोहन सिंह और सोमनाथ चटर्जी के नाम पर विचार किया। हमारी राय में इनमें से कोई एक भी राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाा जाए तो हमें कोई एतराज नहीं।
प्रणव के नाम पर दीदी की ना
गौरतलब है कि तृणमूल प्रमुख ने प्रणब मुखर्जी के समर्थन का कोई संकेत नहीं दिया था। इसके विपरीत उन्होंने पिछले माह कहा था कि यदि लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी तथा पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम में से किसी को उम्मीदवार बनाया जाता है तो उन्हें खुशी होगी। राष्ट्रपति पद के लिए प्रमुखता से आ रहे केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के नाम के बारे में पूछे जाने पर बनर्जी ने कोई जवाब नहीं दिया। कांग्रेस को राष्ट्रपति पद के लिए अपने उम्मीदवार को जिताना तृणमूल और सपा जैसी पार्टियों के समर्थन के बगैर संभव नहीं है। इस लिहाज से कांग्रेस के लिए बनर्जी और यादव की रजामंदी हासिल करना बेहद जरूरी है। 
हामिद अंसारी की उम्मीदवारी को झटका
राजनीतिक प्रेक्षकों के अनुसार ममता मुलायम की जुगलबंदी कांग्रेस के दूसरे संभावित उम्मीदवार हामिद अंसारी के खिलाफ जा रही थी। एक तरफ बनर्जी अंसारी को वामदल समर्थित उम्मीदवार मान कर समर्थन नहीं देने का मन पक्का कर चुकी थी वहीं यादव भी पूर्व नौकरशाह की बजाय किसी राजनीतिक शख्सियत को राष्ट्रपति बनाने की बात कह कर अंसारी की उम्मीदों को झटका दे चुके थें। 
सोनिया कुनबे को मनाने में जुटीं
दूसरी तरफ सोनिया गांधी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए संप्रग के घटक और समर्थक दलों के बीच सहमति बनाने के प्रयासों में लगी हैं। वह एक बार पहले भी बनर्जी के साथ यहां इस मुद्दे पर बातचीत कर चुकी हैं। इसके अलावा वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, द्रविड मुनेत्र कषगम तथा राष्ट्रीय लोकदल के नेताओं के साथ भी विचार विमर्श कर चुकी हैं। इस बीच चुनाव आयोग ने मंगलवार को राष्ट्रपति चुनाव की तारीखों का ऎलान कर दिया। आयोग 16 जून को अधिसूचना जारी करेगा जिसके बाद नामांकन शुरू हो जाएगा। तीस जून नामांकन की आखिरी तारीख होगी 19 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होगा तथा 22 जुलाई को मतगणना होगी। इसके साथ ही सत्तापक्ष और विपक्ष पर उम्मीदवारों की तलाश तेज करने का दबाव भी बढ़ गया है।

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