"परमाणु हमले की फिराक में पाक" 

नई दिल्ली। पाकिस्तान की स्वार्थी सेना अपने कॉरपोरेट फायदे के लिए भारत के साथ परमाणु जंग छेड़ सकती है। बांग्लादेश के भारत में हाई कमिश्नर अहमद तारिक करीम ने अपनी किताब में यह आशंका जताई है। इस किताब की प्रति एक सप्ताह पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी को भेंट की गई थी। आडवाणी ने इस किताब के कुछ अंशों का अपने ब्लॉग पर जिक्र किया है। 
19 पेज के दस्तावेज में करीम कहते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मसले पर हुए सशस्त्र संघषोंü में पाकिस्तान की सेना ने ऎसी भूमिका निभाई जिससे यह मामला हमेशा के लिए सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण मसला बन गया। पाकिस्तान के साथ दुश्मनी होने के बावजूद भारत ने लोकतंत्र का रास्ता चुना। 
भारत ने लोकतांत्रिक और सिविक संस्थाओं को मजबूत करने में अपना पूरा जोर लगाया जबकि पाकिस्तान ने कश्मीर के मसले को लेकर भारत से होड़ लेनी शुरू कर दी। 
पाकिस्तान ने जस का तस जवाब तैयार करने के लिए उसने मिसाइल और न्यूक्लियर मामलों में भारत के साथ रेस लगाने की कोशिश की। इसका असर यह हुआ कि पाकिस्तान अपने लोगों की मुश्किलें हल नहीं कर सका और भीतर से खोखला हो गया।

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