सोनिया चाहतीं तो पीएम बन जातीं: कलाम
नई दिल्ली।
एपीजे अब्दुल कलाम ने उस राजनीतिक रहस्य से पर्दा उठा दिया है कि सन 2004 में जब वे राष्ट्रपति थे तब सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री बनाए जाने के खिलाफ थे या नहीं। कलाम ने अपनी जल्द ही रीलीज होने जा रही पुस्तक टर्निंग पोइंट्स, अ जर्नी थू्र चैलेंजेस में खुलासा किया है कि अगर सोनिया पीएम बनना चाहतीं तो उनके पास कोई और विकल्प नहीं होता सिवाय उनकी नियुक्ति के।
13 मई, 2004 को आए चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस संसदीय दल व नए बने यूपीए गठबंधन का अध्यक्ष बनने के बावजूद सोनिया ने पीएम नहीं बनने का निर्णय किया था। कांग्रेस नीत सरकार का बाहर से समर्थन करने का निर्णय करने वाले वामदलों ने भी सोनिया का नाम पीएम पद के लिए प्रस्तावित किया था लेकिन कई दक्षिण पंथी पार्टियों ने सोनिया के विदेशी होने का मुद्दा उठाकर उनके पीएम बनने का विरोध किया था।
कलाम ने लिखा है, कई नेता मुझसे मिले और किसी तरह के दबाव में न आकर सोनिया को पीएम नियुक्त करने का निवेदन किया, यह ऎसा निवेदन था जोकि संवैधानिक रूप से तर्कसंगत नहीं था। अगर सोनिया ने अपने लिए कोई दावा किया होता तो मेरे पास उन्हें नियुक्त करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था। एक अखबार के अनुसार कलाम ने अपनी पुस्तक में लिखा है, मैं तब चकित रह गया जब 18 मई को सोनिया ने पीएम पद के लिए मनमोहन सिंह का नाम लिया।
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