भाजपा का दाव अब संगमा पर!
नई दिल्ली।
राष्ट्रपति पद के लिए भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने हफ्ते भर की लंबी ऊहापोह के बाद आखिरकार पीए संगमा को अपना समर्थन देने का मन बना लिया है। एनसीपी से इस्तीफा देने के बाद अब संगमा नामांकन पत्र दाखिल करेंगे और मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार इसके बाद बीजेपी उन्हें समर्थन देने का ऎलान कर सकती है।
सूत्रों के अनुसार भाजपा ने संगमा को समर्थन देकर यूपीए के उम्मीदवार प्रणव मुखर्जी को चुनौती देने का पक्का मन बना लिया है। पार्टी संगमा के रूप में यूपीए को चुनौती देकर सरकार की नीतियों के खिलाफ अपने विरोध के भाव को जनता तक पहुंचाना चाहती है। हालांकि संगमा को लेकर बीजेपी के भीतर ऎसे लोगों की भी कमी नहीं है जो विरोध में में उतर सकते हैं। विरोधी खेमे की माने तो पार्टी को यूपीए के विरोध में अपनी ही पार्टी के किसी दिग्गज को मैदान में उतारना चाहिए था। बीजेडी और एआईएडीएमके से उम्मीदें
प्रणव मुखर्जी के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा करने के साथ ही भाजपा ने एनडीए के विस्तार की उम्मीद भी लगा रखी है। ज्ञात हो कि एआईएडीएमके और बीजू जनता दल संगमा के साथ हैं और भाजपा को इनसे यह उम्मीद है कि आने वाले दिनों में वह फिर एनडीए के साथ आ सकती हैं।
जेठमलानी की घोषणा अभी बाकी
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद राम जेठमलानी ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के बारे में सप्ताहांत तक 'कोई अंतिम निर्णय' लेने की बात कही थी। फिलहाल लंदन से ही जेठमलानी ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को इसके लिए दोबारा मनाया जाना चाहिए कि वह केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के खिलाफ मैदान में उतरें। जेठमलानी ने कहा कि वह इस सप्ताहांत को नई दिल्ली पहुंचेंगे और तब वह राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए पूर्व में की गई अपनी घोषणा पर कोई अंतिम निर्णय लेंगे। जेठमलानी ने कहा कि वह मुखर्जी के खिलाफ इसलिए लड़ना चाहते हैं, क्योंकि मुखर्जी ने उन भारतीयों के नाम बताने से इनकार कर दिया था, जिन्होंने विदेशों में काला धन जमा कर रखे हैं। ज्ञात हो कि मुखर्जी को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) ने शुक्रवार को अपना राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित किया था। यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा उन्हें समर्थन देगी, जेठमलानी ने हां में जवाब दिया। उन्होंने कहा, लेकिन यदि मुझे किसी का भी समर्थन नहीं मिलता तो भी यह मेरे लिए कोई मुद्दा नहीं है।
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