संगमा हुए भाजपा के "महामहीम" 

नई दिल्ली। 
राष्ट्रपति पद के लिए भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने हफ्ते भर की लंबी ऊहापोह के बाद आखिरकार गुरूवार को पीए संगमा को अपना समर्थन देने की अधिकारिक घोषणा कर दी। भाजपा की वरिष्ट नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के संदर्भ में एनडीए की पूर्व में 2 बैठके हुई लेकिन आम सहमत नहीं बनी। ऎसे में भाजपा ने प्रमुख विपक्षी दल होने के नाते राष्ट्रपति पद के लिए पीए संगमा को अपना उम्मीदवार चुना है। अलग उम्मीदवार का कोई असर एनडीए पर नहीं पड़ेगा।
सुषमा स्वराज ने कहा कि भले ही एनडीए में इस विषय पर एक राय नहीं बनी लेकिन भाजपा इस मोर्चे पर कांग्रेस के खिलाफ मैदान नहीं छोड़गी। जेडीयू-शिवसेना चुनाव के पक्ष में नहीं है। भाजपा के पास राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए दो नाम थे, इनमें से एक ने इनकार कर दिया। ऎसे में पीए संगमा ही इस पद के लिए भाजपा के उम्मीदवार होंगे।
सरकार ने विपक्ष की अनदेखी की
सुषमा स्वराज ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में पीए संगमा के नाम की घोषणा करते हुए कहा कि प्रणव मुखजी के नाम पर आम सहमति नहीं बनने के पीछे यूपीए जिम्मेदार है। 
आम सहमति के लिए उनसे बात नहीं की गई। प्रणब के नाम की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री ने आडवाणी को फोन पर सूचना दी। 
बीजेडी और एआईएडीएमके से उम्मीदें
प्रणव मुखर्जी के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा करने के साथ ही भाजपा ने एनडीए के विस्तार की उम्मीद भी लगा रखी है। ज्ञात हो कि एआईएडीएमके और बीजू जनता दल संगमा के साथ हैं और भाजपा को इनसे यह उम्मीद है कि आने वाले दिनों में वह फिर एनडीए के साथ आ सकती हैं।

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