वृद्घ माता पिता को मिला भरण पोषण का अधिकार 

भरतपुर, 
जिले में माता पिता और वरिष्ठ नागरिकों े भरण पोषण एवं कल्याण अधिनियम े प्रति लोगों में आ रही जागृति े कारण गत छ: माह में अपनों की उपेक्षा े शिकार करीब 40 वृद्घजनों को भरण पोषण का अधिकार अदालतों े माध्यमों से प्राप्त हुआ है। ऐसे ही एक प्रकरण में स्थानीय मौहल्ला गोपालगढ निवासी नत्थीलाल सैनी एवं उनकी पत्नी श्यामो को अदालत ने उने पुत्रों से प्रतिमाह 1500 रुपये दिलाने सम्बंधी आदेश पारित किया है। प्रार्थी नत्थीलाल एवं उनकी पत्नी श्रीमती श्यामो का आवेदन प्राप्त होने पर जिला कलक्टर श्री गौरव गोयल द्वारा प्रकरण उपखण्ड मजिस्ट्रेट भरतपुर को जांच व आवश्यक कारर्वाई करने हेतु भिजवाया जिसमें प्रार्थीगण ने 80 वर्ष से अधिक आयु का होने, उसकी चार बीघा कृषि भूमि पुत्रों द्वारा आपस में बांट लेने की शिकायत करते हुए पुत्रों द्वारा उनकी देखभाल नहीं करने व भरण पोषण नहीं करने की भी शिकायत की। प्रकरण को उपखण्ड मजिस्ट्रेट श्री अतरसिंह मेवला द्वारा अपने न्यायालय में दर्ज कर प्रार्थी े पुत्रों मानसिंह व मोहनसिंह एवं नाती विक्रम को नोटिस जारी किये। न्यायालय द्वारा दोनों पक्षकारों को सुनने े पश्चात प्रार्थी नत्थीलाल एवं उनकी पत्नी श्यामो े अत्यधिक वृद्घ होने, आय का कोई स्त्रोत नहंी होने और वृद्घावस्था े कारण कोई भी कार्य करने में असमर्थ होने को दृष्टिगत रखते हुए आदेश पारित किया कि प्रार्थी े पुत्र मानसिंह व मोहनसिंह और नाती विक्रमसिंह अपने माता पिता े भरण पोषण हेतु प्रतिमाह 500-500 रुपये की राशि उने बचत खाते में जमा करायें। पारित आदेश में पुत्रों एवं नाती को अपने मां-बाप को परेशान नहीं करने एवं सद्भावनापूर्ण व्यवहार रखने े लिये पाबन्द करते हुए सम्बंधित पुलिस थानाधिकारी मथुरा गेट को भी निदेर्शित किया है कि वे समय-समय पर उक्त आदेश की पालना सुनिश्चित कराने हेतु आवश्यक निगरानी रखें। 

चाइल्ड लाइन फोन सेवा प्रारंभ 

भरतपुर, 
जिले में चाइल्ड लाइन इंडिया फाउन्डेशन द्वारा स्थानीय दिशा फाउन्डेशन े सहयोग से चाइल्ड लाइन 1098 फोन सेवा प्रारंभ की गई है। जिला कलक्टर श्री गौरव गोयल ने बताया कि जिले में चाइल्ड लाइन 1098 फोन सेवा े माध्यम से किसी भी रुप में संकटग्रस्त बच्चे व व्यस्क यथाशीघ्र आवश्यक सहायता व सेवा प्राप्त कर सेंगे। उन्होंने बताया कि उक्त दूरभाष पर चौबीसों घंटे फोन कर आवश्यक सहायता व सेवा संकटग्रस्त बच्चे व व्यस्क प्राप्त कर सेंगे। इस सेवा े तहत उन्हें संकटग्रस्त बच्चों व व्यस्कों की आवश्यकतानुसार सेवा, सुरक्षा, पुनर्वास की व्यवस्था भी की जा सेगी। उक्त संस्थान द्वारा मानसिंक विमंदित व बाल श्रमिक, एचआईवी एड्स संक्रमित बच्चे एवं अन्य किसी भी प्रकार की आपदाग्रस्त बच्चों को तत्काल आवश्यक सहायता उपलब्ध हो सेगी। उन्होंने जिले में बच्चों े लाभ की इस महत्वपूर्ण चाइल्ड लाइन 1098 सेवा में सभी सम्बंधित राजकीय विभागों को भी आवश्यक सहयोग देने े निदेर्श दिये हैं।

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