मनरेगा में जुड़े कई नए काम
बाड़मेर
महात्मा गांधी नरेगा योजना पार्ट-2 में अब व्यक्तिगत कार्यों के साथ कृषि, पशुपालन, मुर्गी पालन, ग्रामीण स्वच्छता के अलावा ग्रामीण विकास से जुड़े कार्य करवाए जा सकेंगे। इसको लेकर ग्रामीण विकास मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर राज्य सरकारों को इसके क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं। यह कार्य होंगे: जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने बताया कि ग्रामीणों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए महात्मा गांधी नरेगा योजना में कई नए कार्य शामिल किए गए हैं। अधिसूचना के अनुसार इसके तहत जल संरक्षण, जल शस्य संचय जिसके अन्तर्गत कंटूर खाई, कंटूर बंध, गोलश्म चेक, गबियन संरचनाएं, भूमिगत नहरें, मिटटी के बांध, स्टाप बांध के साथ झरनों के विकास कार्य किए जाएंगे। इसी तरह पौधरोपण, सिंचाई, व्यक्तिगत भूमि पर सिंचाई सुविधा, फार्म पर पोखर, बागवानी, वृक्षारोपण, मेड़बंधी एवं भूमि विकास, पारंपरिक जल निकायों का नवीनीकरण, जलरुद्ध क्षेत्रों में जल निकास, बाढ़ नियंत्रण के लिए बाढ़ नियंत्रण नालियों को गहरा करना एवं उनकी मरम्मत, तटीय संरक्षण के लिए विप्लव जल नालियों का निर्माण, गांव के भीतर तक आवागमन सुनिश्चित करने के लिए आवश्यकता के अनुसार पुलिया एवं सड़क निर्माण कराया जा सकेगा। ब्लॉक स्तर पर ज्ञान संसाधन केन्द्र तथा ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम पंचायत भवन के रूप में भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्रों का निर्माण, एनएडीपी कंपोस्टिंग, वर्मी कंपोस्टिंग, लिक्विड बायो-मेन्योर जैसे कृषि कार्यों के अलावा कुक्कुट आश्रय स्थल, बकरी आश्रय स्थल, पक्का फर्श, यूरीन टैंक का निर्माण और अजोला पशु भोजन जैसे कार्य, सार्वजनिक भूमि पर मौसमी जल निकायों में मत्स्य पालन, तटीय क्षेत्रों में मछली शुष्कन यार्ड, बेल्ट वेजिटेशन, सोक पिटस, रिचार्ज पिटस जैसे ग्रामीण पेयजल संबंधित कार्य, व्यक्तिगत घरेलू पखाने, विद्यालय शौचालय इकाइयां, आंगनबाड़ी शौचालय, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन जैसे ग्रामीण स्वच्छता संबंधित कार्य करवाएं जा सकेंगे। कलेक्टर डॉ. प्रधान ने बताया कि उपरोक्त कार्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति के परिवारों, गरीबी की रेखा से नीचे वाले परिवारों के साथ छोटे एवं सीमांत किसानों की भूमि पर करवाए जाएंगे। कार्य स्थल पर सुनिश्चित होंगी सुविधाएं : महात्मा गांधी नरेगा कार्य स्थल पर श्रमिकों के लिए स्वच्छ पेयजल, बालकों एवं विश्राम के लिए शेड के साथ प्राथमिक उपचार पेटिका उपलब्ध करानी होगी। यदि किसी कार्य स्थल पर छह वर्ष से कम आयु के बालकों की संख्या पांच या उससे अधिक है तो वहां पर एक आया को भी लगाया जाएगा। शिकायतों का निपटारा एक सप्ताह में: महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत शिकायतों का निपटारा सात दिन के भीतर करना होगा। ऐसा नहीं होने पर अधिनियम की धारा 25 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
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