दारिया मुठभेड़ मामले में राजेन्द्र राठौड़ बरी 
 जयपुर। 
राजस्थान के बहुचर्चित दारिया मुठभेड़ प्रकरण में भाजपा विधायक राजेन्द्र राठौड़ को बड़ी राहत मिली है। जयपुर के जिला एवं सत्र न्यायालय ने राठौड़ को आरोपों से मुक्त कर दिया है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश पीसी जैन ने चार्ज बहस के बाद अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने सीबीआई की ओर से लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया। 
भाजपा को मिली बड़ी राहत
rathore acqitedराठौड़ को आरोप मुक्त किए जाने से भाजपा को भी बड़ी राहत मिली है। राठौड़ और भाजपा ने अदालत के फैसले पर खुशी जताई है। भाजपा नेता दिगंबर सिंह ने कहा कि सीबीआई ने राठौड़ को झूठा फंसाया था। राठौड़ को गिरफ्तार करवाकर घटिया राजनीति करने वालों को जनता कभी माफ नहीं करेगी।
राठौड़ खुद अदालत में कह चुके है कि उन्हें फंसाया गया है। उन्होंने एक प्रार्थना पत्र देकर कहा था कि सीबीआई के पास उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। सीबीआई ने 5 अप्रेल को राठौड़ को गिरफ्तार किया था। ब्यूरो ने राठौड़ को आपराधिक षडयंत्र रचने के मामले में आरोप पत्र दाखिल किया था जिस पर अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एसके सिंघल ने संज्ञान लेते हुए मामले को सत्र न्यायालय के सुपुर्द कर दिया था। 

दो आरोपियों को मिली जमानत
इससे पहले हाइकोर्ट ने मामले के दो आरोपियों को जमानत दे दी। जस्टिस आरएस राठौड़ ने थानेदार सुरेंद्र सिंह और सरदार सिंह को जमानत पर छोड़ने के आदेश दिए। दोनों आरोपी करीब सवा साल से न्यायिक हिरासत में चल रहे थे। जानकारी के मुताबिक, दोनों पुलिसकर्मी इस मामले में जमानत पर छूटने वाले पहले आरोपी हैं।

इससे पहले मुंशीलाल को अदालत ने शुरूआत में ही जमानत पर छोड़ दिया था लेकिन उसके खिलाफ बहुत ही हल्के और जमानती किस्म के आरोप थे। इनके अलावा एडीजी एके जैन, आईजी पौन्नूचामी, एएसपी अरशद अली सहित करीब एक दर्जन पुलिसकर्मी अब भी न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं। वहीं जुल्फिकार अली, राजेश चौधरी सहित चार पुलिसकर्मी फरार चल रहे हैं। इन पर सीबीआई ने पांच लाख रूपए का इनाम घोçष्ात किया हुआ है।

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