रूपया लुढ़का,जीडीपी गिरी,घटेगी नौकरियां 

नई दिल्ली।
बढ़ती महंगाई,डॉलर के मुकाबले में रूपए में गिरावट,पेट्रोल के दाम में बढ़ोतरी के खिलाफ भारत बंद इन सबसे से देश की आर्थिक हालत पतली होती जा रही है। पेट्रोल के दाम में बढ़ोतरी के खिलाफ भारत बंद के दौरान जमकर हिंसा हो रही है। देश के कई इलाकों में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। इस तोड़फोड़ से जनता को ही नुकसान होना है।
रूपए की कीमत में रिकॉर्ड गिरावट
डॉलर के मुकाबले 26 पैसे की गिरावट के साथ अब तक के रिकार्ड निम्न स्तर 56.50 पर खुला। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रूपया बुधवार को 57 पैसे गिरकर रिकार्ड 56.24 पर बंद हुआ था। कारोबारियों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा बाजार से पैसा निकालने, यूरो के मुकाबले डालर की मजबूती तथा आयातकों खासकर तेल रिफाइनरियों की मजबूत डालर मांग से रूपए पर दबाव पड़ा।
13 हजार करोड़ का हुआ था नुकसान
साल 2010 में भारत बंद से देश को 13 हजार करोड़ रूपए का नुकसान हुआ था। उधर जीडीपी में भारी गिरावट देखने को मिली है। उधर जीडीपी में भारी गिरावट दर्ज की गई है। विकास दर 6 फीसदी से गिरकर 5.3 फीसदी रह गई है। यह गिरावट जनवरी से मार्च के बीच दर्ज की गई है। पिछले साल इसी दौरान विकास दर 9.2 फीसदी थी। बताया जा रहा है कि पिछले 21 महीने से विकास दर में लगातार गिरावट देखी जा रही है। यह गिरावट तब दर्ज हुई है जब सरकार ने 9 से 10 फीसदी विकास दर रहने का दावा किया था। जीडीप में गिरावट से विदेशी निवेश पर असर पड़ेगा। विदेशी निवेश कम होने से नौकरियों से असर पड़ेगा।

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