बिजली खरीद के लिए 200 करोड़ 
जयपुर। 
राज्य सरकार ने बिजली की खरीद के लिए 200 करोड़ रूपये बिजली कम्पनियों को दिए हैं। नई खरीद से कटौती में राहत मिलने की सम्भावना है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भीषण गर्मी को देखते हुए बुधवार को बिजली और पानी की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने सभी इलाकों, खासतौर पर गांवों से मिल रहीं शिकायतों का जिक्र करते हुए बिजली आपूर्ति प्रबंधन और योजना को लेकर नाराजगी जताई।
jaipurमुख्य सचिव सी.के. मैथ्यू भी पिछले दिनों नाराजगी जता चुके हैं। गहलोत ने दोनों महकमों के अघिकारियों को निर्देश दिए कि उपलब्ध बिजली और पानी के वितरण का प्रबन्धन इस रूप में किया जाए कि शहरों के साथ गांव और ढ़ाणियों में भी लोगों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। गांवों में बिजली की सुचारू व्यवस्था की जाए। वहां कटौती कम करें एवं इसके लिए अलग से बिजली की व्यवस्था की जाए। उन्होंने खरीफ और रबी की फसल के दौरान समुचित बिजली आपूर्ति के लिए अभी से तैयारियां शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने सालभर की योजना बनाने को कहा।
जयपुर-जोधपुर में सफाई के लिए ठेका तय
जयपुर. जयपुर व जोधपुर शहरों में सड़कों, नालियों की सफाई के लिए दो निजी फर्मो को ठेका देना तय कर लिया गया है। नगरीय विकास सचिव जी. एस. संधु की अध्यक्षता में गठित स्टेट एम्पॉवर्ड कमेटी की बुधवार को सम्पन्न बैठक में यह फैसला किया गया है।फैसले के अनुसार जयपुर में ए टू जेड और जोधपुर में रामकी प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी को यह ठेके दिए जाएंगे। कमेटी इन फर्मो के प्रस्तावों को मंजूर करने के बाद इन्हें अंतिम मंजूरी के लिए नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल के पास भिजवाएगी। ये फर्मे दोनों शहरों की मुख्य सड़कों की सफाई मशीनों से करेंगी और घरों-दुकानों से कचरा एकत्रित कर, उसे ट्रांसपोर्ट भी करेगी। कचरे को ऊर्जा उत्पादन या खाद निर्माण में काम लिया जाएगा। कचरे का सम्पूर्ण निस्तारण भी फर्मो की ओर से ही किया जाएगा। राज्य में ऎसी व्यवस्था पहली बार होगी।
दोनों कम्पनियों के बारे में विभाग का दावा है कि दिल्ली और कानपुर जैसे शहरों में टीमें भेजकर और अन्य कुछ शहरों में वहां के नगर निकायों से जानकारी ली गई है। दोनों कम्पनियों का काम संतोषजनक पाया गया है।
यूं रहेगी सफाई की व्यवस्था
घरों से सुबह 7 से 10 बजे के बीच और दुकानों से सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे के बीच कचरा एकत्रित किया जाएगा 
विभाग ने दोनों कम्पनियों से एडवांस्ड वर्क प्लान मांगा है, जिसमें कम्पनियां काम का तरीका बताएंगी 
शुरूआती तीन महीनों तक कम्पनियों के काम की मॉनिटरिंग होगी। इसके लिए कमेटी बनेगी। कमेटी में शहर के आम लोग भी प्रतिनिधि होंगे। तीन माह के दौरान कम्पनियों को कोई भुगतान नहीं किया जाएगा। 
शुरू के दो महीनों में इन कम्पनियों को जयपुर में 23 वार्ड और जोधपुर में 20 वार्ड कवर करने होंगे। 
दोनों शहरों में दोनों कम्पनियों को दिवाली से पहले तक सड़कों को कचरा मुक्त करना होगा। 
फिलहाल तय नहीं हो पाया है कि कचरे के एवज में घरों-दुकानों से पैसा कैसे लिया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि शुल्क प्रत्येक घर से 25 से 50 रूपए के बीच संभव है। दूसरा तरीका बिजली के बिलों में सफाई टैक्स के नाम से राशि जोड़ने या सरकार द्वारा अनुदान देकर भुगतान करने का भी हो सकता है।

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