दुष्कर्म पीडित छात्रा ने दम तोड़ा
जयपुर। सीकर जिले में नीमकाथाना क्षेत्र के जस्सी का बास गांव में करीब दो सप्ताह पहले दुष्कर्म की घटना से अवसाद में आकर आत्मदाह करने वाली छात्रा सुमन ने सोमवार रात उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। मौत की सूचना मिलते ही मंगलवार को बड़ी संख्या में ग्रामीण सवाई मानसिंह अस्पताल के मुर्दाघर पहुंचे। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाया, लेकिन ग्रामीणों व परिजनों ने अभियुक्तों व उनके सहयोगियों की गिरफ्तारी व कानूनी कार्रवाई के बाद ही शव लेने की बात कही।इस दौरान उन्होंने पुलिस प्रशासन व राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। शाम को परिजन व ग्रामीण ठोस कार्रवाई की मांग को लेकर विधानसभा के पास ज्योति नगर पर धरने पर बैठ गए। परिजनों ने तुरन्त मुकदमा दर्ज नहीं करने व पीडित पक्ष पर समझौते का दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए नीमकाथाना के उपाधीक्षक दिनेश चंद्र अग्रवाल, थानाप्रभारी सुरेन्द्र शर्मा समेत अन्य पुलिसकर्मियों को हटाने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। रात तक ग्रामीण व परिजन धरने पर बैठे हुए थे।यह था मामला
नीमकाथाना के जस्सी का बास निवासी सुमन बलाई (16 ) पुत्री गिरधारी लाल 3 अप्रेल को गोविन्दपुरा स्थित सरकारी स्कूल से घर लौट रही थी। तभी शाम करीब पांच बजे टोल नाके पर काम करने वाले राजाराम जाट ने उसे रोक लिया और सड़क किनारे खेत में ले जाकर उसके साथ ज्यादती की। छात्रा ने घर पहुंच केरोसीन उड़ेल कर खुद को आग लगा ली थी। आग से वह करीब अस्सी प्रतिशत झुलस गई थी।
हुक्का-पानी बंद करने की धमकी
धरने पर बैठे ग्रामीणों ने बताया कि घटना वाले दिन ही पुलिस महकमे में एक डीजी स्तर के अघिकारी के पास तैनात चालक लालबत्ती की सरकारी गाड़ी लेकर गांव पहुंचा। उसने परिजनों को दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाने पर देख लेने तथा हुक्का-पानी बंद करवाने की धमकी दी। आरोपी पक्ष के प्रभावशाली लोगों ने भी पीडितों पर समझौते का दबाव बनाया। इस बारे में पुलिस के आला अफसरों से शिकायत की गई, लेकिन न तो निष्पक्ष जांच हो रही है और न ही सुरक्षा दी जा रही है।
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