मंत्री ने छपवाई दिल्ली कूच की खबर!
नई दिल्ली। सेना की दो टुकडियों के दिल्ली कूच की खबर का मास्टर माइंड यूपीए सरकार में शामिल एक मंत्री है। यह दावा किया है समाचार पत्र द संडे गार्जियन ने। समाचार पत्र ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि यह मंत्री अपने रिश्तेदारों के जरिए रक्षा से जुड़े सामान की खरीद फरोख्त करने वाली लॉबी से जुड़ा हुआ हैं। ये लॉबी सेना प्रमुख को हटाने के लिए पीछे पड़ी हुई है। सेना की दो टुकडियों के दिल्ली कूच की खबर को छपवाने का मकसद सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह के खिलाफ राजनीतिक जमात का समर्थन हासिल करना था। मंत्री का मानना था कि खबर छपने के बाद सारी राजनीतिक जमात पाकिस्तान जैसे हालात बनने की आशंका के चलते जनरल के खिलाफ हो जाएगी लेकिन मंत्री ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और रक्षा मंत्री की ओर से आए जवाब को लेकर गलत अनुमान लगाया। मंत्री को लगता था कि सेना प्रमुख से तनावपूर्ण रिश्ते को देखते हुए प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री खबर पर टिप्पणी करने से इनकार कर देंगे। सूत्रों के मुताबिक शक के दायरे में आए मंत्री के रिश्तेदार नियमित रूप से विदेशों में हथियार बेचने वालों और दलाली में लिप्त लोगों से मिलते हैं। आईबी को भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
नई दिल्ली। सेना की दो टुकडियों के दिल्ली कूच की खबर का मास्टर माइंड यूपीए सरकार में शामिल एक मंत्री है। यह दावा किया है समाचार पत्र द संडे गार्जियन ने। समाचार पत्र ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि यह मंत्री अपने रिश्तेदारों के जरिए रक्षा से जुड़े सामान की खरीद फरोख्त करने वाली लॉबी से जुड़ा हुआ हैं। ये लॉबी सेना प्रमुख को हटाने के लिए पीछे पड़ी हुई है। सेना की दो टुकडियों के दिल्ली कूच की खबर को छपवाने का मकसद सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह के खिलाफ राजनीतिक जमात का समर्थन हासिल करना था। मंत्री का मानना था कि खबर छपने के बाद सारी राजनीतिक जमात पाकिस्तान जैसे हालात बनने की आशंका के चलते जनरल के खिलाफ हो जाएगी लेकिन मंत्री ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और रक्षा मंत्री की ओर से आए जवाब को लेकर गलत अनुमान लगाया। मंत्री को लगता था कि सेना प्रमुख से तनावपूर्ण रिश्ते को देखते हुए प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री खबर पर टिप्पणी करने से इनकार कर देंगे। सूत्रों के मुताबिक शक के दायरे में आए मंत्री के रिश्तेदार नियमित रूप से विदेशों में हथियार बेचने वालों और दलाली में लिप्त लोगों से मिलते हैं। आईबी को भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।

0 comments:
एक टिप्पणी भेजें