बाल विवाह रचाया तो सब जाएंगे जेल
बाड़मेर बाल विवाह में शामिल होने पर माता-पिता के साथ कार्यक्रम संपन्न कराने वाले पंडित समेत अन्य लोग दोषी होंगे। बाल विवाह पर पूरी तरह प्रतिबंध लागू करने के लिए सरकार ने सख्ती से निपटने का फैसला लिया है। इसके लिए बाल विवाह निषेध अधिनियम में कुछ परिवर्तन किया गया है। गौरतलब है कि हर साल अक्षय तृतीया के अबूझ सावे पर बड़ी संख्या में बाल विवाह होते हैं।प्रशासन और पुलिस की सख्ती के बावजूद साल दर साल कम उम्र में विवाह करने की इस कुप्रथा पर रोक नहीं लग सकी है। इसके तहत अब बाल विवाह में शामिल माता-पिता के साथ अन्य लोगों को भी दोषी माना जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र में बाल विवाह रोकने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग तैयारियों में जुटा है। इसके तहत जिलेभर में होने वाले सामूहिक विवाह सम्मेलनों पर भी निगाह रखी जा जाएगी। खासतौर पर आखातीज के दिन होने वाले विवाहों पर प्रशासन की पैनी नजर रहेगी। बाल विवाह से निपटने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यशाला का आयोजन करेगा। साथ ही टीम बनाकर सम्मेलनों की जांच की जाएगी। इन पक्षों को भी माना जाएगा दोषी : बाल विवाह में शामिल पंडित के साथ टेंट व्यवसायी, डेकोरेशन करने वाले सहित अन्य व्यवसायियों को दोषी माना जाएगा। साथ ही इनके खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान भी किया गया है। ये होगी सजा : बाल विवाह में दोषी पाए जाने वाले सभी लोगों को दो साल की सजा और एक-एक लाख रुपए जुर्माना किया जाएगा। इस अधिनियम को इस साल प्रशासन सख्ती से लागू करने की तैयारी कर रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों की टीमें गठित की जाएगी। ये टीमें गांवों में होने वाले बाल विवाहों पर पैनी नजर रखेगी। 

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