सीएम फंड में 2 लाख की सेंध
जयपुर। बीपीएल कार्ड की रंगीन फोटो कॉपी कर एक ही कार्ड से ही कई लोगों के सवाई मानसिंह अस्पताल में उपचार कराने के बाद अब मुख्यमंत्री सहायता कोष से फर्जी तरीके से पत्नी के उपचार के लिए 2 लाख रूपए उठाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोपों के मुताबिक अजमेर निवासी कथित रईस व्यवसायी ने अघिकारियों से मिलीभगत कर 23 हजार से कम सालाना आय का प्रमाण पत्र हासिल किया और मुख्यमंत्री सहायता कोष से राशि जारी करवा ली।इस पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री स्तर तक की गई है। उधर, संबंघित व्यक्ति मुरलीधर रामचंदानी ने सभी आरोपों को निराधार व रंजिश पूर्वक बताया है। उसने कैंसर पीडित पत्नी का उपचार जयपुर के भगवान महावीर कैंसर अस्पताल में करवाया था।शिकायत के अनुसार अजमेर निवासी मुरलीधर रामचंदानी ने 15 फरवरी 2006 को स्वयं की व परिवार के समस्त स्त्रोतों से वार्षिक आय 23 हजार रूपए व निजी नौकरी करना बताया। अपना व अपने परिवार का कोई व्यवसाय नहीं बताया। उसने शपथपूर्वक घोषणा की कि कोई तथ्य नहीं छिपाया गया है व सूचनाएं सत्य है। इस शपथ पत्र को गवाह के रूप में कुछ सरकारी अघिकारियों ने प्रमाणित भी कर दिया। इसी दिन उसने 23 हजार से कम सालाना आय का प्रमाण पत्र भी बनवा लिया।मुरलीधर के ये हैं काम
शिकायत के अनुसार मुरलीधर एक मेडिकल स्टोर का साझेदार व संचालक है। इसमें वह पूरे समय फार्मासिस्ट भी बताया गया है। वह लक्ष्मी बैण्डेज वक्üस का मालिक व संचालक है। उसका अजमेर में आलीशान बंगला है, उसके पास पैन कार्ड है।
राशन कार्ड व शपथ पत्र में विरोधाभास
मुरलीधर की ओर से शपथ पत्र दिनांक 15 फरवरी 2006 को बनाना बताया गया है। जबकि जिला रसद विभाग अजमेर की ओर से उसे 17 फरवरी 2006 को राशन कार्ड जारी हुआ है।
मेरी ओर से 23 हजार से कम आय का प्रस्तुत किया गया प्रमाण पत्र बिल्कुल सही है। मेरे और मेरे परिवार की आय इससे अघिक नहीं है। शिकायतें रंजिश पूर्वक की गई है। मुरलीधर रामचंदानी, (जिसके खिलाफ शिकायत की गई)
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