पुलिस ने कानून को ठेंगा दिखाया 
जयपुर। आमेर थाना पुलिस ने न केवल कानून को ठेंगा दिखाया बल्कि मानवीय संवेदनाओं को भी तार-तार कर दिया। पुलिस ने जमवारामगढ़ रोड स्थित एक खेत में गुरूवार को दबे मिले बच्चे के शव की शिनाख्त और पोस्टमार्टम कराने के बजाय शव को कचरे के डिपो में ही दफना दिया। लापता बच्चों के परिजनों को इसकी भनक लगी तो वे आमेर थाने पहुंचे तब जाकर पुलिस की करतूत सामने आई।इस पर पुलिस ने शव निकाल एसएमएस के मुर्दाघर में रखवाया। शव की शिनाख्त अभी तक नहीं हो सकी है। मामले का खुलासा होने पर भी आला अफसर तक प्रकरण में लीपापोती करने में लगे है।प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बच्चे के सिर पर चोट का निशान था। अब पुलिस वाले हत्या की भी आशंका जता रहे हैं।बच्चे के शव मिलने की खबर पर शनिवार सुबह नाई की थड़ी निवासी मोहम्मद इकराम थाने पहुंचा। उसका 12 वर्षीय बेटा मोहम्मद एहतराम 28 नवम्बर से लापता है। हालांकि यह शव एहतराम का नहीं था। वहीं सुभाष चौक निवासी साजिद खान भी 15 वर्षीय लापता पुत्र नाजिम को तलाशते पहुंचा। हालांकि साजिद यह शव नहीं देख पाया है। उधर, पुअर वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष मो. हारून ने बताया, बच्चे को कचरे में दफनाने की सूचना पर वे कलक्टर व पुलिस कमिश्नर कार्यालय पहुंचे। वहां नहीं मिलने पर दोनों को फोन लगाया, लेकिन दोनों ने ही फोन काट दिया। 
- शव 8 फरवरी को खेत में मिला था। पहले उसे दफना दिया था। अब शव को निकाल मुर्दाघर में शिनाख्त के लिए रखवा दिया है। सभी थानों में भी उसकी फोटो भिजवा दी जाएगी।
- महेश शर्मा, थाना प्रभारी, आमेर
बच्चे का शव एसएमएस के मुर्दाघर में रखवा दिया है। लापता बच्चों के परिजनों से सम्पर्क पर शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं।
- ओम प्रकाश, उप निरीक्षक, आमेर

हथेली बाहर देखी तो पता चला
8 फरवरी को बड़ी का वास स्थित एक खेत में कुछ महिलाओं को मिट्टी से बाहर एक हथेली दिखी। सूचना पर आमेर एसीपी नसीमउल्लाह पहुंचे। मिट्टी खुदवाने पर 5-7 साल के बच्चे का शव निकला। पुलिस ने नवजात बता किसी को शव देखने नहीं दिया। बाद में शव को कचरा डिपो में दफना दिया।

बात फैली तो कचरे से निकाल ले गए शव
शनिवार दोपहर पत्रिका टीम मौके पर जा रही थी तो शव निकालने हटवाड़ा कचरा डिपो जा रही आमेर थाना पुलिस ने रास्ता बदल दिया। एसआई ओमप्रकाश जाप्ता सहित नदी के रास्ते कचरा डिपो पहुंचे। पत्रिका टीम को लोगों ने बताया कि आधे घंटे पहले ही पुलिसकर्मी शव निकाल ले गए।
इन नियमों को भूली पुलिस
अज्ञात शव मिलने पर संबंधित थाना पुलिस कंट्रोल रूम सहित सभी थानों में फोटो और हुलिए की जानकारी भिजवाए। शव शिनाख्त के लिए मुर्दाघर में रखवाए। पहचान न होने पर धर्म अनुसार अंतिम संस्कार करवाए।
एडि. डीसीपी को जांच
8 फरवरी को मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने मुझे भी सूचना दी थी। लेकिन ग्रामीणों से पड़ताल के बाद बच्चे को कचरा डिपो पर एक जाति विशेष के श्मशान पर दफना दिया। जांच एडि. डीसीपी को सौंपी है। अशोक नरूका, डीसीपी, जयपुर शहर उत्तर

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