यूपी : सपा को भारी बढ़त, बीजेपी को लाभ, बसपा साफ
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा विधानसभा चुनाव के वोटों की गिनती जारी है। उत्तर प्रदेश में 335 सीटों के रुझान आ गए हैं। इसके मुताबिक सपा 150 सीटों पर आगे है, जबकि बसपा 69, कांग्रेस (रालोद सहित) 51 और भाजपा 56 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। रुझानों से यह साफ हो गया है कि किसी एक पार्टी को बहुमत नहीं मिलने जा रहा है। ऐसे में सरकार बनाने के लिए जोड़तोड़ करना ही होगा।पंजाब में अभी तक 100 सीटों के रुझान आए हैं जिनमें अकाली दल 63, कांग्रेस 35 बसपा एक और अन्य दल एक सीट पर बढ़त बनाए हुए हैं। उत्तराखंड में 66 सीटों के रुझान आए जिनमें भाजपा 29, कांग्रेस 25, बसपा ने 6 और अन्य दलों ने 6 सीटों पर बढ़त बनाई हुई है। गोवा में अभी दस सीटों के रुझान आए हैं जिनमें पांच पर कांग्रेस और चार पर भाजपा ने बढ़त बनाई है। वहीं मणिपुर में 60 में से 25 सीटों के रुझान आए हैं जिनमें 17 पर कांग्रेस आगे है।उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा चौंकाने वाले रुझान रायबरेली से आ रहे हैं। यहां सभी पांच सीटों पर कांग्रेस पीछे चल रही है। कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी भी पीछे चल रही हैं।नतीजों का राजनीतिक दल नब्ज थाम कर इंतजार कर रहे हैं। नतीजे ही तय करेंगे किसकी होली रंगीन होगी। दोनों राष्ट्रीय दल कांग्रेस और भाजपा ने अपने संभावित बेहतर पक्ष और कमजोर कड़ी को ध्यान में रखकर आगे की तैयारियों पर होमवर्क किया है। दोनों पांच राज्यों के चुनाव परिणामों को लेकर सतर्क हैं। पंजाब, उत्तराखंड दोनों दलों की उम्मीदों के लिहाज से अहम राज्य है। जहां तक बात यूपी की है, दोनों दलों को तीसरे नंबर पर रहने में अपनी जीत नजर आ रही है।
वहीं यूपी की सियासत के अहम किरदार माने जा रहे सपा और बसपा के नेता लखनऊ में ईवीएम मशीन खुलने के बाद मुखर होकर अपनी जुबां खोल रहे हैं। सपा के नए हीरो अखिलेश यादव ने अपने समर्थकों से कहा है कि वे शांत होकर नतीजों का इंतजार करें। मायावती को हर बार की तरह एक्जिट पोल उलट पुलट होने की आस है। नतीजों के बाद बजट सत्र में नए सियासी समीकरण बनने की उम्मीद जाहिर की जा रही है। अगर भाजपा बढ़त बना पाती है तो उसके संसद में विपक्षी कुनबा ज्यादा मजबूत होगा। नए फ्रंट बन सकते हैं। कांग्रेस बढ़त में रही तो यूपीए का कुनबा मजबूत होगा। कांग्रेस और सपा नजदीक आए तो कांग्रेस की ममता पर निर्भरता कम होगी।
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा विधानसभा चुनाव के वोटों की गिनती जारी है। उत्तर प्रदेश में 335 सीटों के रुझान आ गए हैं। इसके मुताबिक सपा 150 सीटों पर आगे है, जबकि बसपा 69, कांग्रेस (रालोद सहित) 51 और भाजपा 56 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। रुझानों से यह साफ हो गया है कि किसी एक पार्टी को बहुमत नहीं मिलने जा रहा है। ऐसे में सरकार बनाने के लिए जोड़तोड़ करना ही होगा।पंजाब में अभी तक 100 सीटों के रुझान आए हैं जिनमें अकाली दल 63, कांग्रेस 35 बसपा एक और अन्य दल एक सीट पर बढ़त बनाए हुए हैं। उत्तराखंड में 66 सीटों के रुझान आए जिनमें भाजपा 29, कांग्रेस 25, बसपा ने 6 और अन्य दलों ने 6 सीटों पर बढ़त बनाई हुई है। गोवा में अभी दस सीटों के रुझान आए हैं जिनमें पांच पर कांग्रेस और चार पर भाजपा ने बढ़त बनाई है। वहीं मणिपुर में 60 में से 25 सीटों के रुझान आए हैं जिनमें 17 पर कांग्रेस आगे है।उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा चौंकाने वाले रुझान रायबरेली से आ रहे हैं। यहां सभी पांच सीटों पर कांग्रेस पीछे चल रही है। कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी भी पीछे चल रही हैं।नतीजों का राजनीतिक दल नब्ज थाम कर इंतजार कर रहे हैं। नतीजे ही तय करेंगे किसकी होली रंगीन होगी। दोनों राष्ट्रीय दल कांग्रेस और भाजपा ने अपने संभावित बेहतर पक्ष और कमजोर कड़ी को ध्यान में रखकर आगे की तैयारियों पर होमवर्क किया है। दोनों पांच राज्यों के चुनाव परिणामों को लेकर सतर्क हैं। पंजाब, उत्तराखंड दोनों दलों की उम्मीदों के लिहाज से अहम राज्य है। जहां तक बात यूपी की है, दोनों दलों को तीसरे नंबर पर रहने में अपनी जीत नजर आ रही है।
वहीं यूपी की सियासत के अहम किरदार माने जा रहे सपा और बसपा के नेता लखनऊ में ईवीएम मशीन खुलने के बाद मुखर होकर अपनी जुबां खोल रहे हैं। सपा के नए हीरो अखिलेश यादव ने अपने समर्थकों से कहा है कि वे शांत होकर नतीजों का इंतजार करें। मायावती को हर बार की तरह एक्जिट पोल उलट पुलट होने की आस है। नतीजों के बाद बजट सत्र में नए सियासी समीकरण बनने की उम्मीद जाहिर की जा रही है। अगर भाजपा बढ़त बना पाती है तो उसके संसद में विपक्षी कुनबा ज्यादा मजबूत होगा। नए फ्रंट बन सकते हैं। कांग्रेस बढ़त में रही तो यूपीए का कुनबा मजबूत होगा। कांग्रेस और सपा नजदीक आए तो कांग्रेस की ममता पर निर्भरता कम होगी।
राष्ट्रपति चुनाव और राज्यसभा चुनाव पर असर
राष्ट्रपति चुनाव और राज्यसभा चुनाव के लिहाज से भी पांच राज्यों के नतीजे राजनीतिक दलों के लिए अहम हैं। यूपीए अपने पसंद के व्यक्ति को रायसीना हिल पर भेजने के लिए और राज्यसभा में अंकगणित सुधारने के लिए नतीजों पर काफी हद तक निर्भर है।
राष्ट्रपति चुनाव और राज्यसभा चुनाव के लिहाज से भी पांच राज्यों के नतीजे राजनीतिक दलों के लिए अहम हैं। यूपीए अपने पसंद के व्यक्ति को रायसीना हिल पर भेजने के लिए और राज्यसभा में अंकगणित सुधारने के लिए नतीजों पर काफी हद तक निर्भर है।

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