सेना ने सच उगला
नई दिल्ली। सेना ने आखिरकार स्वीकार किया कि रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी के कार्यालय की जांच के दौरान कुछ असामान्य पाया गया था और सेना को बदनाम करने के इस मामले में सैन्य गुप्तचरी के कुछ कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। सेना और रक्षा मंत्रालय के बीच भरोसा खत्म करने के इरादे से फैलाई गई रिपोर्टो के लिए सेना के कुछ मौजूदा और कुछ अवकाश प्राप्त अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए सेना ने सोमवार देर शाम सफाई दी कि रक्षा मंत्री और कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के कार्यालयों को जासूसी से मुक्त करने के लिए जांच करने वाली सैन्य गुप्तचर शाखा को एंटनी के कार्यालय में कुछ असामान्य बातें दिखाई दी थी जिनकी सूचना रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा को दी गई थी। बाद में बाद हुई जांच से पता चला कि ये असामान्य बाते किसी वोल्टेज में कमी आने का नतीजा थी। सेना द्वारा की जा रही सुदूर निगरानी के मामले में सेना ने सफाई दी है कि ये उपकरण सिगनल गुप्तचरी के पास है और सीमाओं और उपद्रवग्रस्त इलाकों में लगाए गए है। सेना ने कहा है ये उपकरण उसके पास नहीं बल्कि रक्षा गुप्तचर एजेंसी महानिदेशालय के पास है। सेना ने कहा कि इन उपकरणों के बारे में मौजूदा गलतफहमियां रक्षा गुप्तचर एजेंसी महानिदेशालय के पूर्व महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल तेजिंदर सिंह ने फैलाई है जिनका नाम तनकीकी उच्चाधिकार प्राप्त समिति की स्वीकृति के बिना इन उपकरणों की खरीदारी में आ चुका है और आदर्श हाउसिंग सोसायटी मेंं भी उनके नाम से फ्लैट आवंटित हुआ था। टेट्रा एवं वेट्रा लिमिटेड से रिश्वत के मामले में भी उनका नाम आ चुका है। सेना ने कहा कि उसके गुप्तचरी शाखा के कुछ अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक और प्रशासनिक कार्रवाई की जा रही है।
सरकार ने दिए जांच के आदेश
रक्षामंत्री एके एंटनी के दफ्तर में कथित जासूसी की शिकायत के बाद सोमवार को केंद्र सरकार ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।

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