"शिखर पर पहुंच कर संन्यास लेना स्वार्थ"
मीरपुर। अंतरराष्ट्रीय शतकों का शतक बना चुके भारत के चैम्पियन क्रिकेटर सचिन तेंडुलकर संन्यास लेने के मूड में नहीं हैं। उनका मानना है कि शीर्ष पर पहुंचकर संन्यास की बात करना "स्वार्थपूर्ण सोच" है। पिछले दो दशक से अधिक समय से खेल रहे 38 बरस के सचिन ने कहा कि मेरा मानना है कि जब तक मैं भारतीय टीम को योगदान दे सकता हूं, मुझे खेलते रहना चाहिए। यह काफी स्वार्थी सोच है कि शीर्ष पर पहुंचकर संन्यास ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब आप शीर्ष पर हैं, तभी देश को आपकी सेवाओं की जरूरत है। जब मुझे लगेगा कि मैं देश के लिए कुछ नहीं कर पा रहा हूं तो खुद ही संन्यास ले लूंगा, किसी के कहने से नहीं। तेंडुलकर ने कहा कि सौवें शतक को लेकर बनी हाइप से निपटना काफी मुश्किल था। उन्होंने कहा कि अब मैं राहत महसूस कर रहा हूं। मैंने 99वां शतक विश्व कप के दौरान दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बनाया था। विश्व कप के दौरान या उसके बाद मीडिया ने मेरे 100वें शतक के बारे में नहीं बोला।
उन्होंने कहा कि मैं वेस्टइंडीज दौरे पर नहीं जा सका और ऎसी अटकलें लगने लगी कि मैं लाड्र्स पर सौवां शतक बनाना चाहता हूं, लेकिन आपके चाहने से शतक नहीं बनते। तेंडुलकर ने कहा कि पिछले एक साल से मैंने कई बार अच्छी बल्लेबाजी की और कई बार नाकाम रहा, लेकिन समग्र रूप से देखें तो मेरे जीवन का यह सबसे कठिन दौर था।

शतक बड़े भाई को समर्पित
सचिन ने यह ऎतिहासिक शतक अपने बड़े भाई अजित को समर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने मेरे लिए अपने कॅरिअर को कुर्बान कर दिया। यह पूछने पर कि क्या सौवां शतक उनके जेहन में था, उन्होंने कहा कि वे आंकड़ों के बारे में नहीं सोचते।

मैं भगवान नहीं, सचिन हंू
अपने सौवें अंतरराष्ट्रीय शतक को सबसे कठिन बताने वाले चैम्पियन क्रिकेटर सचिन तेंडुलकर ने कहा कि मैं भगवान नहीं हूं, मैं सचिन तेंडुलकर हूं। सचिन ने कहा कि ईमानदारी से कहूं तो मैं भी आम इंसान हंू और मेरे भी जज्बात हैं।

सिर्फ रिकॉर्ड के लिए खेलने की आलोचना पर उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऎसे हैं, जिनका मैं सम्मान करता हूं और कुछ ऎसे हैं जिनका सम्मान नहीं करता। जिनका मैं सम्मान नहीं करता, उनकी बातों का मुझ पर असर नहीं होता। उनकी राय मेरे लिए कोई मायने नहीं रखती। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर ने कहा कि मेरा काम भारत के लिए खेलना, रन बनाना और टीम को जिताना है। मैं उसी पर ध्यान देता हूं।

इंडोर हाल का नामकरण
कटक. ओडिशा क्रिकेट संघ ने अपने नवनिर्मित इंडोर हाल का नाम सचिन तेंडुलकर के नाम पर रखने का फैसला लिया है। ओसीए सचिव आशीर्वाद बहेडा ने कहा कि हम सचिन के सौवें शतक का जश्न ओसीए इंडोर क्रिकेट हाल का नाम उनके नाम पर रखकर मनाना चाहते हैं। इंडोर हाल का उद्घाटन एक अप्रैल को किया जाएगा।

असाधारण रिकॉर्ड
जब सचिन तेंडुलकर ने 369 दिन का इंतजार खत्म करके 100वां अंतरराष्ट्रीय शतक बनाया तो हमने एक ऎसे खिलाड़ी का दीदार किया, जिसने वाकई महानता की एक नई मिसाल कायम की है। सिर्फ महान खिलाड़ी ही ऎसे रिकार्ड बना सकते हैं। सचिन का रिकार्ड डॉन ब्रैडमेन के 99.94 के टेस्ट औसत के बराबर है।
माइकल वान, इंग्लैंड के पूर्व कप्तान

सचिन ने 17 बरस की उम्र में ही तय कर लिया था कि उन्हें बल्लेबाजी का माउंट एवरेस्ट फतेह करना है। उनके कॅरिअर की अवधि और हालात के अनुकूल बदलने की क्षमता को देखते हुए मैं उन्हें ब्रायन लारा और रिकी पोंटिंग से ऊपर रखूंगा।
इयान चैपल, पूर्व क्रिकेटर

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