मैच को कैसे और कब अंजाम तक पहुंचाया: धोनी
एडिलेड। भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने साफ किया कि मैच को कैसे और कब अंजाम तक पहुंचाया जाए इस बारे में उनका नजरिया गौतम गंभीर से अलग है। उन्होंने साथ ही कहा कि हर व्यक्ति का अलग नजरिया हो सकता है।आस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले मैच में भारत की अंतिम ओवर में जीत के बाद गंभीर ने कहा था कि वह मैच को अंतिम ओवर तक खींचने को प्राथमिकता देते हैं और मैच को कम से कम कुछ ओवर पहले खत्म करना चाहते हैं।
गंभीर के नजरिए के बारे में पूछने पर धोनी ने श्रीलंका के खिलाफ मैच टाई रहने के बाद कहा कि मैं मैच को 47वें या 48वें ओवर तक खत्म करने की जल्दबाजी में नहीं होता। मुझे खुशी होगी कि अगर मैं 50वें ओवर में भी ऐसा कर पाया तो। मेरा पास अन्य बल्लेबाजों का साथ नहीं था। मैं सिर्फ अपने काम को अंजाम तक पहुचाना चाहता था।
भारतीय कप्तान ने स्पष्ट किया कि यह अलग अलग लोगों का नजरिया है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति के साथ यह नजरिया अलग अलग होता है। कुछ लोग मैच जल्दी खत्म करना चाहते हैं। जोखिम उठाना चाहते हैं और मैच को खत्म कर देते हैं। बड़े मैदानों पर बड़े शाट खेलना मुश्किल है। आप आप ऐसा करते हैं तो यह आपके लिए फायदेमंद होना चाहिए। अन्यथा लगेगा कि इस समय यह शाट खेलने की जरूरत नहीं थी।धोनी ने कहा कि वीरेंद्र सहवाग जैसे खिलाड़ी को मैच 35वें ओवर तक खत्म करने में को दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर आप वीरू पाजी से पूछो तो वह मैच को 35वें ओवर तक खत्म करना पसंद करेंगे। उनका मानना है कि गेंद शाट मारने के लिए होती है। यह नजरिए का ही अंतर है, इसमें कुछ गलत नहीं है।लसिथ मलिंगा के 30वें ओवर में गेंदबाज के एक गेंद कम फेंकने के मुद्दे पर धोनी ने कहा कि यह चीज हो चुकी है। हमने अतीत में देखा है कि ओवर में कम गेंद फेंकने पर तीसरा अंपायर हस्तक्षेप करता है। ऐसा हमारे साथ हुआ। तीन लोग, दो मैदानी अंपायर और तीसरा अंपायर तथा चौथे अंपायर और मैच रैफरी और स्कोरर सभी इससे चूक गए।
भारतीय कप्तान ने कहा कि लेकिन इंसान गलती करते हैं। हम कोई विवाद नहीं चाहते। उम्मीद करते हैं कि ऐसा हमारे साथ या किसी अन्य टीम के साथ दोबारा नहंी होगा। धोनी और रविचंद्रन अश्विन ने 28 रन की अहम साझेदारी की और कप्तान ने कहा कि उन्होंने अपने साथी को सलाह दी थी कि वह गेंद को यार्कर समझकर नहीं खेले।भारत धोनी तीन अंतिम धोनी ने कहा, मलिंगा के चस यार्कर और काफी अच्छी धीमी गेंद है जिससे वह काफी अच्छी तरह छकाता है। निचले क्रम के लिए लगातार उसकी गेंदों को समझना मुश्किल है। मैंने अश्विन को सिर्फ इतना कहा कि गेंद का इंतजार को लेकिन इसे यार्कर समझकर मत खेलो। अगर तुम इसे देखो तो प्रतिक्रिया तो। लेकिन उसने उसे धीमी गेंद पर छकाते हुए आउट कर दिया। निचले क्रम में धोनी का भार बढ़ गया है क्योंकि सुरेश रैना अब तक अपनी क्षमता के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। उन्होंने कहा कि निचले क्रम में सिर्फ एक व्यक्ति युवराज हिसं छठे नंबर पर लगातार अच्छा प्रदर्शन कर पाया है। यह बल्लेबाजी करने के लिए काफी मुश्किल क्रम है। रैना ने ठीक ठाक प्रदर्शन किया है। इस स्थान पर आकर आपको 25 गेंद में 30 से 40 रन बनाने होते हैं। आपको मैच को लक्ष्य के करीब पहुंचाना होता है। अगर शीर्ष क्रम का कोई बल्लेबाज मौजूद हो तो आपकी नजरें जीतने पर होती हैं।
एडिलेड। भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने साफ किया कि मैच को कैसे और कब अंजाम तक पहुंचाया जाए इस बारे में उनका नजरिया गौतम गंभीर से अलग है। उन्होंने साथ ही कहा कि हर व्यक्ति का अलग नजरिया हो सकता है।आस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले मैच में भारत की अंतिम ओवर में जीत के बाद गंभीर ने कहा था कि वह मैच को अंतिम ओवर तक खींचने को प्राथमिकता देते हैं और मैच को कम से कम कुछ ओवर पहले खत्म करना चाहते हैं।
गंभीर के नजरिए के बारे में पूछने पर धोनी ने श्रीलंका के खिलाफ मैच टाई रहने के बाद कहा कि मैं मैच को 47वें या 48वें ओवर तक खत्म करने की जल्दबाजी में नहीं होता। मुझे खुशी होगी कि अगर मैं 50वें ओवर में भी ऐसा कर पाया तो। मेरा पास अन्य बल्लेबाजों का साथ नहीं था। मैं सिर्फ अपने काम को अंजाम तक पहुचाना चाहता था।
भारतीय कप्तान ने स्पष्ट किया कि यह अलग अलग लोगों का नजरिया है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति के साथ यह नजरिया अलग अलग होता है। कुछ लोग मैच जल्दी खत्म करना चाहते हैं। जोखिम उठाना चाहते हैं और मैच को खत्म कर देते हैं। बड़े मैदानों पर बड़े शाट खेलना मुश्किल है। आप आप ऐसा करते हैं तो यह आपके लिए फायदेमंद होना चाहिए। अन्यथा लगेगा कि इस समय यह शाट खेलने की जरूरत नहीं थी।धोनी ने कहा कि वीरेंद्र सहवाग जैसे खिलाड़ी को मैच 35वें ओवर तक खत्म करने में को दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर आप वीरू पाजी से पूछो तो वह मैच को 35वें ओवर तक खत्म करना पसंद करेंगे। उनका मानना है कि गेंद शाट मारने के लिए होती है। यह नजरिए का ही अंतर है, इसमें कुछ गलत नहीं है।लसिथ मलिंगा के 30वें ओवर में गेंदबाज के एक गेंद कम फेंकने के मुद्दे पर धोनी ने कहा कि यह चीज हो चुकी है। हमने अतीत में देखा है कि ओवर में कम गेंद फेंकने पर तीसरा अंपायर हस्तक्षेप करता है। ऐसा हमारे साथ हुआ। तीन लोग, दो मैदानी अंपायर और तीसरा अंपायर तथा चौथे अंपायर और मैच रैफरी और स्कोरर सभी इससे चूक गए।
भारतीय कप्तान ने कहा कि लेकिन इंसान गलती करते हैं। हम कोई विवाद नहीं चाहते। उम्मीद करते हैं कि ऐसा हमारे साथ या किसी अन्य टीम के साथ दोबारा नहंी होगा। धोनी और रविचंद्रन अश्विन ने 28 रन की अहम साझेदारी की और कप्तान ने कहा कि उन्होंने अपने साथी को सलाह दी थी कि वह गेंद को यार्कर समझकर नहीं खेले।भारत धोनी तीन अंतिम धोनी ने कहा, मलिंगा के चस यार्कर और काफी अच्छी धीमी गेंद है जिससे वह काफी अच्छी तरह छकाता है। निचले क्रम के लिए लगातार उसकी गेंदों को समझना मुश्किल है। मैंने अश्विन को सिर्फ इतना कहा कि गेंद का इंतजार को लेकिन इसे यार्कर समझकर मत खेलो। अगर तुम इसे देखो तो प्रतिक्रिया तो। लेकिन उसने उसे धीमी गेंद पर छकाते हुए आउट कर दिया। निचले क्रम में धोनी का भार बढ़ गया है क्योंकि सुरेश रैना अब तक अपनी क्षमता के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। उन्होंने कहा कि निचले क्रम में सिर्फ एक व्यक्ति युवराज हिसं छठे नंबर पर लगातार अच्छा प्रदर्शन कर पाया है। यह बल्लेबाजी करने के लिए काफी मुश्किल क्रम है। रैना ने ठीक ठाक प्रदर्शन किया है। इस स्थान पर आकर आपको 25 गेंद में 30 से 40 रन बनाने होते हैं। आपको मैच को लक्ष्य के करीब पहुंचाना होता है। अगर शीर्ष क्रम का कोई बल्लेबाज मौजूद हो तो आपकी नजरें जीतने पर होती हैं।

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