नहीं लगेगी टीचर्स की ड्यूटी
जयपुर। जिले में 19 फरवरी से शुरू हो रहे पल्स पोलियो अभियान में इस बार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने शिक्षा विभाग की सिरदर्दी को खत्म कर दिया है। विभाग ने पोलियो अभियान के लिए शिक्षा विभाग से एक भी कर्मचारी पल्स पोलियो डयूटी के लिए नहीं बुलाया गया है, क्योंकि डयूटी निरस्त कराने में लगे ये शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र पर ही नहीं पहुंचते थे।
वहीं, इस बार स्वास्थ्य विभाग ने शिक्षा विभाग को छोड़ कर करीब 40 विभागों के कर्मचारियों को पल्स पोलियो अभियान में लगाया है। पोलियो अभियान के लिए तीन हजार कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पल्स पोलिया अभियान में प्रति वष्ाü शिक्षा विभाग से कर्मचारियों को पल्स पोलियो ड्यूटी में लगाया जाता था लेकिन ये कर्मचारी किसी तरह ड्यूटी से बचने के लिए उच्च अधिकारियों पर ड्यूटी निरस्त कराने के लिए दबाव डालते थे और जब ड्यूटी निरस्त नहीं करा पाते थे, तो प्रशिक्षण में ही नहीं जाते थे। ऎसे ही मामलों में जिला कलक्टर ने कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की थी। अब स्वास्थ्य विभाग ने चिकित्सा विभाग, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और नर्सिग छात्रों के अलावा 40 अन्य विभागों के करीब तीन हजार कर्मचारियों को पल्स पोलियो ड्यूटी के लिए प्रशिक्षण दिया है। प्रशिक्षण का अंतिम चरण पूरा हो चुका है।
1237 पोलियो बूथ बनाए
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 19 फरवरी से शुरू हो रहे पल्स पोलिया अभियान के लिए जयपुर जिले में 1237 पोलियो बूथ बनाए गए हैं। वहीं पोलियो कर्मियों को उनके ही क्षेत्र में ड्यूटी लगाने में प्राथमिकता दी गई है ताकि पोलियो कर्मी ड्यूटी देने से कतराएं नहीं। प्रत्येक पोलियो कर्मी को प्रतिदिन 75 रूपए मानदेय दिया जाएगा।
हालांकि पोलियोकर्मी इतने कम मानदेय पर हमेशा अपना विरोध प्रकट करते रहे हैं लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय के नियमों के अनुसार इससे ज्यादा मानदेय नहीं दिया जा सकता, क्योंकि शिशुओं और बच्चों को पोलियो की दवा पिलाना वैसे भी एक चिकित्सा कर्मी के लिए सामान्य ड्यूटी का मामला बनता है।
जयपुर। जिले में 19 फरवरी से शुरू हो रहे पल्स पोलियो अभियान में इस बार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने शिक्षा विभाग की सिरदर्दी को खत्म कर दिया है। विभाग ने पोलियो अभियान के लिए शिक्षा विभाग से एक भी कर्मचारी पल्स पोलियो डयूटी के लिए नहीं बुलाया गया है, क्योंकि डयूटी निरस्त कराने में लगे ये शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र पर ही नहीं पहुंचते थे।
वहीं, इस बार स्वास्थ्य विभाग ने शिक्षा विभाग को छोड़ कर करीब 40 विभागों के कर्मचारियों को पल्स पोलियो अभियान में लगाया है। पोलियो अभियान के लिए तीन हजार कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पल्स पोलिया अभियान में प्रति वष्ाü शिक्षा विभाग से कर्मचारियों को पल्स पोलियो ड्यूटी में लगाया जाता था लेकिन ये कर्मचारी किसी तरह ड्यूटी से बचने के लिए उच्च अधिकारियों पर ड्यूटी निरस्त कराने के लिए दबाव डालते थे और जब ड्यूटी निरस्त नहीं करा पाते थे, तो प्रशिक्षण में ही नहीं जाते थे। ऎसे ही मामलों में जिला कलक्टर ने कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की थी। अब स्वास्थ्य विभाग ने चिकित्सा विभाग, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और नर्सिग छात्रों के अलावा 40 अन्य विभागों के करीब तीन हजार कर्मचारियों को पल्स पोलियो ड्यूटी के लिए प्रशिक्षण दिया है। प्रशिक्षण का अंतिम चरण पूरा हो चुका है।
1237 पोलियो बूथ बनाए
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 19 फरवरी से शुरू हो रहे पल्स पोलिया अभियान के लिए जयपुर जिले में 1237 पोलियो बूथ बनाए गए हैं। वहीं पोलियो कर्मियों को उनके ही क्षेत्र में ड्यूटी लगाने में प्राथमिकता दी गई है ताकि पोलियो कर्मी ड्यूटी देने से कतराएं नहीं। प्रत्येक पोलियो कर्मी को प्रतिदिन 75 रूपए मानदेय दिया जाएगा।
हालांकि पोलियोकर्मी इतने कम मानदेय पर हमेशा अपना विरोध प्रकट करते रहे हैं लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय के नियमों के अनुसार इससे ज्यादा मानदेय नहीं दिया जा सकता, क्योंकि शिशुओं और बच्चों को पोलियो की दवा पिलाना वैसे भी एक चिकित्सा कर्मी के लिए सामान्य ड्यूटी का मामला बनता है।

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