"महिलाएं टॉयलेट नहीं मोबाइल मांगती हैं"
नई दिल्ली। महिलाएं टॉयलेट नहीं मोबाइल फोन की मांग कर रही हैं। यह कहना है केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश का। रमेश की इस टिप्पणी पर विवाद खड़ा हो सकता है। उन्होंने कहा, स्वच्छता कहीं अधिक कठिन विषय है। दिल्ली में शुक्रवार को एक कार्यक्रम से इतर रमेश ने कहा, जब हम व्यवहार संबंधी बदलाव की बात कर रहे हैं तो महिलाएं मोबाइल फोन की मांग कर रही हैं। वे टॉयलेट की मांग नहीं कर रही हैं। यह हमारा नजरिया है। रमेश के इस बयान से कई लोग नाखुश नजर आए। समारोह के एक आयोजक ने रमेश को मध्यप्रदेश की एक आदिवासी महिला के बारे में भी बताया जिसके अपने ससुराल में शौचालय सुविधाओं के आग्रह पर ग्रामीणों ने क्षेत्र में इस मुद्दे को उठाया। इस महिला को हाल ही पुरस्कृत किया गया। रमेश ने, देश में स्वच्छता को एक कठिन विषय बताते हुए कहा, भारत विरोधाभासी देश है क्योंकि विश्वभर में खुले में शौच करने वाले लोगों में 60 प्रतिशत भारतीय हैं जबकि यहां 70 करोड़ लोग मोबाइल फोन इस्तेमाल कर रहे हैं। रमेश ने कहा, ऎसे देश में जहां 70 करोड़ लोग मोबाइल फोन इस्तेमाल करते हों वहां 60 प्रतिशत लोग खुले में मल त्याग करते हैं। रमेश ने इसमें जल्द बदलाव करने का वादा किया। उन्होंने कहा कि सैनिटेशन व जल आपूर्ति में फंड व प्रबंधन पर जल्द कार्रवाई होगी। इस क्षेत्र में हम एक दो माह में ज्यादा से ज्यादा बदलाव देखेंगे।

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