'चिदंबरम इस्तीफा दें और प्रधानमंत्री जवाब' 
भाजपा ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में उच्चतम न्यायालय के गुरुवार के निर्णय को संप्रग सरकार की विश्वसनीयता, पारदर्शिता और सत्यनिष्ठा पर गंभीर सवाल बताते हुए गृह मंत्री पी चिदंबरम के इस्तीफे की मांग करने के साथ ही कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी अपनी जवाबदेही से बच नहीं सकते हैं।पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 2जी घोटाला आजमद भारत का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार का मामला है। इसे लेकर पूरा देश गहरे सदमे और व्यथा में है। लेकिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कपिल सिब्बल और पी चिदंबरम जैसे केन्द्रीय मंत्रियों ने संसद के भीतर और बाहर 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में धांधली का जम कर बचाव किया। इन लोगों ने यह दावे किए कि इस मामले में कोई अनियमितता नहीं बरती गई है। उधर लखनऊ में राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने इस फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि नियंत्रक एवं महा लेखा परीक्षक (कैग) ने इस भ्रष्टाचार और गड़बडियों का खुलासा किया था लेकिन इसके बावजूद संप्रग सरकार तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए राजा का बचाव करती रही।जेटली के अनुसार, प्रधानमंत्री ने चिदंबरम को सम्मानित सहयोगी बताते हुए कहा कि उन्होंने जो किया ठीक किया। और अब देश की शीर्ष अदालत ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन के सरकार के फैसले को अवैध और असंवैधानिक करार दे दिया है। यह एक व्यक्ति का निर्णय नहीं बल्कि सरकार का निर्णय था।उन्होंने कहा कि अदालत के इस फैसले ने प्रधानमंत्री के इस सिद्धांत को चकनाचूर कर दिया है कि इस मामले में पूर्व के दस्तूर का अनुसरण किया गया। शीर्ष अदालत ने दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल की इस परिकल्पना को भी ध्वस्त कर दिया कि 2जी आवंटन में शून्य नुकसान हुआ।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि अदालत के निर्णय के आलोक में चिदंबरम को ऐसे में खुद सोचना चाहिए कि गृह मंत्री पद पर बने रहना अब उनके लिए उचित नहीं है।
प्रसाद ने भी चिदंबरम के इस्तीफे या उन्हें बर्खास्त किए जाने की मांग करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले से गृह मंत्री के सिर पर तलवार लटक गई है। देर सवेर उन्हें इस्तीफा देना ही होगा। बेहतर यही होगा कि वह जितनी जल्दी ऐसा करे, उनके लिए उतना अच्छा होगा।
उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा, सरकार के इतने बड़े भ्रष्टाचार के बारे में अब वे कब तक मौन धारण किए रहेंगे। देश इन तीनों से जवाब मांग रहा है।

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