फिसल गई थी हमारी जुबान..
नई दिल्ली। चुनावी रैली के दौरान बुलंद आवाज में चुनाव आयोग से दो-दो हाथ करने पर उतारू बेनी ने चुनाव आयोग से नोटिस मिलने की सूचना पर ही अपना बयान बदल लिया।नोटिस के बाद उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि वह क्या बोल गए थे। अपनी रैली के दौरान बेनी प्रसाद वर्मा ने कहा था कि मुस्लिमों के लिए आरक्षण बढ़ाया जाएगा। अगर चुनाव आयोग चाहता है तो मुझे भी नोटिस जारी कर सकता है। लेकिन आयोग के चेतने के बाद उन्होंने कहा कि मुस्लिमों का कोटा बढ़ाने का बयान जानबूझकर नहीं दिया था। हमारी जुबान फिसल गई थी। अधिक सभाओं के कारण याद नहीं रहता कि क्या बोल गया।वहीं रैली के दौरान दिए गए बयान चुनाव आयोग ने कहा कि वह इस बात से अवगत थे कि ऐसा बयान देकर वह आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं। आयोग ने माना कि उन्होंने जानबूझकर ऐसा किया।अल्पसंख्यक आरक्षण संबंधी बयान पर चुनाव आयोग ने वर्मा की टिप्पणियों से संबंधित वीडियो रिकार्डिग की जांच कर उन्हें नोटिस जारी कर दिया। बेनी को सोमवार शाम तक जवाब देने को कहा गया है।केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के बाद अल्पसंख्यक कोटे पर टिप्पणियों को लेकर वर्मा दूसरे केंद्रीय मंत्री हैं, जिन्हें आयोग ने आचार संहिता के उल्लंघन का नोटिस थमाया है। चुनाव आयोग ने वर्मा के फर्रुखाबाद में दिए गए भाषण की शनिवार को वीडियो रिकार्डिग देखी।आयोग ने माना कि प्रथम दृष्टया यह महसूस किया है कि वर्मा ने यह बयान देकर आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है।आयोग ने वर्मा से 20 फरवरी को शाम पाच बजे तक इस बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है कि चुनाव आचार संहिता के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए उनके खिलाफ क्यों न कार्रवाई की जाए। फर्रुखाबाद में जब बेनी ने विवादास्पद बयान दिया था तो उस समय रैली में काग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह और कानून मंत्री सलमान खुर्शीद भी मौजूद थे।सलमान पहले ही अल्पसंख्यक आरक्षण संबंधी अपने बयान को लेकर आयोग से माफी मांग चुके हैं। आयोग के इस मामले में संज्ञान लेने के बाद वर्मा ने शनिवार को स्वीकार कि मुसलमानों का कोटा बढ़ाने का बयान उन्होंने जानबूझकर नहीं दिया था।बेनी ने कहा कि वह पिछले तीन-चार महीने से रोजाना चार-पाच चुनावी सभाओं को संबोधित कर रहे हैं। कभी-कभी किस संदर्भ में वह क्या बात कह जाते हैं, इसका उन्हें ध्यान नहीं रहता। हम चुनाव आयोग का सम्मान करते हैं। वैसे भी मैं कभी कोई अनुचित बात नहीं करता।भाजपा ने इस मामले में बेनी प्रसाद वर्मा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। पार्टी का कहना है कि सलमान के बाद वर्मा का इसी मुद्दे पर बयान देना साबित करता है कि कांग्रेसी नेता जानबूझकर चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर रहे हैं।
नई दिल्ली। चुनावी रैली के दौरान बुलंद आवाज में चुनाव आयोग से दो-दो हाथ करने पर उतारू बेनी ने चुनाव आयोग से नोटिस मिलने की सूचना पर ही अपना बयान बदल लिया।नोटिस के बाद उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि वह क्या बोल गए थे। अपनी रैली के दौरान बेनी प्रसाद वर्मा ने कहा था कि मुस्लिमों के लिए आरक्षण बढ़ाया जाएगा। अगर चुनाव आयोग चाहता है तो मुझे भी नोटिस जारी कर सकता है। लेकिन आयोग के चेतने के बाद उन्होंने कहा कि मुस्लिमों का कोटा बढ़ाने का बयान जानबूझकर नहीं दिया था। हमारी जुबान फिसल गई थी। अधिक सभाओं के कारण याद नहीं रहता कि क्या बोल गया।वहीं रैली के दौरान दिए गए बयान चुनाव आयोग ने कहा कि वह इस बात से अवगत थे कि ऐसा बयान देकर वह आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं। आयोग ने माना कि उन्होंने जानबूझकर ऐसा किया।अल्पसंख्यक आरक्षण संबंधी बयान पर चुनाव आयोग ने वर्मा की टिप्पणियों से संबंधित वीडियो रिकार्डिग की जांच कर उन्हें नोटिस जारी कर दिया। बेनी को सोमवार शाम तक जवाब देने को कहा गया है।केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के बाद अल्पसंख्यक कोटे पर टिप्पणियों को लेकर वर्मा दूसरे केंद्रीय मंत्री हैं, जिन्हें आयोग ने आचार संहिता के उल्लंघन का नोटिस थमाया है। चुनाव आयोग ने वर्मा के फर्रुखाबाद में दिए गए भाषण की शनिवार को वीडियो रिकार्डिग देखी।आयोग ने माना कि प्रथम दृष्टया यह महसूस किया है कि वर्मा ने यह बयान देकर आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है।आयोग ने वर्मा से 20 फरवरी को शाम पाच बजे तक इस बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है कि चुनाव आचार संहिता के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए उनके खिलाफ क्यों न कार्रवाई की जाए। फर्रुखाबाद में जब बेनी ने विवादास्पद बयान दिया था तो उस समय रैली में काग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह और कानून मंत्री सलमान खुर्शीद भी मौजूद थे।सलमान पहले ही अल्पसंख्यक आरक्षण संबंधी अपने बयान को लेकर आयोग से माफी मांग चुके हैं। आयोग के इस मामले में संज्ञान लेने के बाद वर्मा ने शनिवार को स्वीकार कि मुसलमानों का कोटा बढ़ाने का बयान उन्होंने जानबूझकर नहीं दिया था।बेनी ने कहा कि वह पिछले तीन-चार महीने से रोजाना चार-पाच चुनावी सभाओं को संबोधित कर रहे हैं। कभी-कभी किस संदर्भ में वह क्या बात कह जाते हैं, इसका उन्हें ध्यान नहीं रहता। हम चुनाव आयोग का सम्मान करते हैं। वैसे भी मैं कभी कोई अनुचित बात नहीं करता।भाजपा ने इस मामले में बेनी प्रसाद वर्मा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। पार्टी का कहना है कि सलमान के बाद वर्मा का इसी मुद्दे पर बयान देना साबित करता है कि कांग्रेसी नेता जानबूझकर चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर रहे हैं।

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